हरिद्वार : कोरोना महामारी की मार से देश-दुनिया में हाहाकार मचा है. रोजमर्रा की जीवन पटरी से उतर गया है. कई लोगों के रोजगार के साधन तक चौपट हो गये हैं तो कई लोग दूसरों साधनों को अपना रहे हैं. ऐसा ही कुछ धर्मनगरी के पुजारियों और वेद पाठियों के साथ भी हो रहा है. भगवान की भक्ति में लीन रहकर मंदिरों की देखरेख और पूजा-अर्चना का काम संभालने वाले ये लोग कोरोना काल में दूसरा काम करने को मजबूर हो गये हैं.
हरिद्वार हरकी पैड़ी पर स्थित गंगा मंदिर के प्रमुख देशबंधु शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके पास इस मंदिर में लगभग 8 वेद पाठी कार्य करते हैं. इन सभी की ड्यूटी शिफ्ट के तहत लगाई जाती है. यह सिलसिला सुबह 5 बजे से शुरू होता है. चार लोग मंदिर की साफ-सफाई, भगवान को स्नान कराना और भक्तों को दर्शन करवाते हैं.
दूसरी शिफ्ट दिन में 2 बजे बदलती है और रात 11 बजे तक चलती है. इस मंदिर में कार्य करने वाले तमाम पुजारियों और वेद पाठियों को लगभग 7 से 8 हजार तनख्वाह दी जाती है. महीने का राशन और दूसरे खर्च भी मंदिर की ओर से समय-समय पर दिए जाते रहे हैं लेकिन कोरोना काल की परिस्थिति अलग है.