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चुनाव से पहले केन्द्र ने बांटे दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को रजिस्ट्री के कागज सौंप दिये हैं. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनावी स्टंट बताया है.

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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी

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Published : Jan 3, 2020, 6:35 PM IST

नई दिल्ली : आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने दिल्ली में अगले महीने संभावित विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा के तहत इन कालोनियों में रहने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी.

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र और इसके पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने वाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज़ सौंप कर इसकी शुरुआत की. पुरी ने कहा, 'मेरे लिये यह भावुक पल है क्योंकि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों के निवासियों को संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना मेरा वादा भी था और लक्ष्य भी था. आज यह लक्ष्य पूरा हुआ है.'

बता दें कि नई दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों के मालिकाना हक देने का मामला पहले से ही केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक विवाद का विषय रहा है. अब आम आदमी पार्टी का कहना है कि अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोग केंद्र सरकार के रजिस्ट्री पेपर देने के बावजूद भी उन पर विशवास नहीं करेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी इस घटनाक्रम को चुनाव से न जोड़ने की अपील कर रही है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि आने वाले दिनों में 40 लाख से ज्यादा लोगों को रजिस्ट्री के पेपर देकर उन्हें मालिकाना हक दिया दे दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के इस पहल से दिल्ली के लाखों लोगों का अपने घर का सपना पूरा होने जा रहा है.

पुरी ने यह भी बताया कि दिल्ली विकास प्रधिकरण (डीडीए) ने भी इन कॉलोनियों के समुचित विकास के लिए एक एक्शन प्लान बना रखा है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी ने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार के इस पहल को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बीजेपी एमएलए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इसको चुनाव से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक सभी का अपना घर हो जैसे सपने को पूरा करने की एक शुरुआती पहल है.

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ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस निर्णय से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1,700 कच्ची कॉलनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.

एक लाभार्थी ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैं पिछले 20 सालों से दिल्ली में रह रहा था लेकिन, मैं आज अपनी संपत्ति का मालिक बन पाया हूं. एक अन्य लाभार्थी ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी. लाभुक के मुताबिक दिल्ली में अपने घर का सपना पूरा करने में सरकार ने हमारी मदद की है.'

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