नई दिल्ली :अर्थव्यवस्था की वर्तमान धीमी गति को देखते हुए संसदीय स्थायी समिति ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घरों के निर्माण में तेजी लाने को कहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 2022 तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य रखा गया है. 2015 में योजना की शुरुआत हुई थी. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लक्ष्य 2022 तक 20 मिलियन किफायती घरों का निर्माण कर शहरी गरीबों को किफायती दर पर आवास प्रदान करना है.
2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना कठिन लक्ष्य
अर्थव्यवस्था की वर्तमान धीमी गति को देखते हुए संसदीय स्थायी समिति ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घरों के निर्माण में तेजी लाने को कहा है. इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किफायती आवास के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) के तहत निर्माण की गति तेज है.
संसदीय समिति ने मंत्रालय से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा है. समिति की जांच में यह बात सामने आई है कि मकानों को मंजूरी देने की रफ्तार कम नहीं हुई है, मगर मकानों को पूरा भी नहीं किया गया है.
उदाहरण के लिए 103 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई, मगर 60.51 लाख घरों का ही निर्माण कार्य शुरू हो पाया और अभी तक 32.08 लाख घर के निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं. इससे 2022 तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा. हालांकि, इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किफायती आवास के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) के तहत निर्माण की गति तेज है. संसदीय समिति ने कहा कि इस तरह के अभियान को लेकर राज्यों में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए.