रोम : इतालवी ध्वजवाहक तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार दो इतालवी मरीनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने कहा है कि नौसैनिकों को आधिकारिक छूट प्राप्त होने के कारण भारत उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकता है. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि दो मछुआरों की हत्या से जुड़े इस मामले में भारत मुआवजा पाने का हकदार है.
इस फैसले के बाद इटली ने गुरुवार को कहा कि वह दो इतावली मरीनों द्वारा दो भारतीय मछुआरों की हत्या के सिलसिले में आए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का 'स्वभाविक रूप से सम्मान' करेगा. रोम ने कहा कि मध्यस्थता अदालत ने जो भी व्यवस्था दी है वह उसे सहयोग की भावना के साथ पूरा करने के लिए तैयार है.
अदालत के फैसले पर टिप्पणी करते हुए इटली के विदेश मंत्री लुइगी दी मयो ने कहा कि लंबी पीड़ा के बाद आज निश्चित पूर्ण विराम लगा दिया गया है. इतावली समाचार एजेंसी एएनएसए ने मंत्री के हवाले से कहा कि न्यायाधिकरण ने जो व्यवस्था दी है, इटली सहयोग की भावना के साथ स्वभाविक रूप से उसका सम्मान करेगा.
बता दें कि भारत ने एक इतालवी ध्वजवाहक तेल टैंकर एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार दो इतालवी मरीनों पर 15 फरवरी, 2012 को केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था. इस विवाद के संबंध में इटली के अनुरोध पर 2015 में यूएनसीएलओएस की धाराओं के तहत न्यायाधिकरण का गठन किया गया था.
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने इस मामले में भारतीय अधिकारियों की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हकदार है लेकिन नौसैनिकों को आधिकारिक छूट प्राप्त होने के कारण वह उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकता है. वर्ष 2012 के इस मामले में दो इतालवी नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की जान लेने का आरोप है.