अहमदाबाद : गुजरात में राज्यसभा चुनाव में मतदान से दूर रहने के कुछ दिनों बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के विधायक छोटू वसावा और उनके विधायक बेटे महेश ने खुद की जान को खतरा बताया है. उन्होंने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है.
भरुच जिले की झगड़िया सीट से विधायक छोटू वसावा ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि उनकी जान खतरे में है, क्योंकि वह भाजपा शासित राज्य में विपक्ष में हैं और सामाजिक न्याय और आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.
24 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में छोटू वसावा ने दावा किया है कि सामंतवादी मानसिकता के लोग नागरिकों के बीच दरार पैदा कर रहे हैं. जिससे समाज में अशांति फैल रही है. उन्होंने आगे कहा कि गुजरात सरकार ने पूर्व में पुलिस और असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर फर्जी मुठभेड़ों की साजिश रची थी और भविष्य में भी ऐसा हो सकता है.
छोटू वसावा बीटीपी के संस्थापक हैं, उनके पुत्र महेश नर्मदा जिले में डेडियापाडा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में बीटीपी पार्टी के दो विधायक हैं.