तिरुवनंतपुरम :जीवन में यदि काम करने का जज्बा हो किसी भी मुश्किल से डरने की जरूरत नहीं है. यह वाक्य लक्ष्मी अम्माल के हैं. लक्ष्मी केरल के कोट्टायम जिले की पहली ऑटो चालक हैं. फिलहाल वह कोट्टयम में कोरोना से संक्रमित लोगों को ले आने और ले जाने का काम करती हैं.
लक्ष्मी वर्ष 2002 से ऑटो चला के जीवन-यापन कर रही हैं. हालांकि, कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से वह भी बंद हो गया था.
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महामारी के दौर में उनके पास आय का कोई स्त्रोत नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. शुरुआत में उन्होंने सामुदायिक रसोई काम में हाथ बंटा के अपना जीवन यापन किया. वह क्वारंटाइन लोगों के घर पर जरूरी सामान पहुंचाने का काम भी करती थीं.
बाद में पंचायत के सुझाव पर उन्होंने कोविड केयर सेंटर पर काम शुरू किया. वह कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए लोगों को घर वापस छोड़ने का काम भी करती हैं.