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भारत में एकमात्र मान्यता प्राप्त सर्कस है 'ग्रेट गोल्डन सर्कस' - पेटा इंडिया

भारत में गुजरात का 'ग्रेट गोल्डन सर्कस' वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत एकमात्र मान्यता प्राप्त सर्कस है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने दिल्ली उच्च न्यायालय को एक हलफनामे में यह जानकारी दी. यह हलफनामा जानवरों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ एक जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है.

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ग्रेट गोल्डन सर्कस

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Published : Oct 4, 2020, 9:13 PM IST

नई दिल्ली :केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि गुजरात का 'ग्रेट गोल्डन सर्कस' पूरे देश में एकमात्र ऐसा सर्कस है, जिसे वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मान्यता प्राप्त है.

प्राधिकरण ने अदालत को बताया कि सर्कस को नोटिस जारी करके यह बताने को कहा गया है कि हाथियों के रखरखाव एवं प्रदर्शन के संबंध में कानून के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के कारण उसकी मान्यता रद्द क्यों नहीं की जानी चाहिए.

प्राधिकरण ने न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में यह प्रतिवेदन दिया. यह हलफनामा जानवरों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ काम करने वाली गैर सरकारी संस्था 'पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल' (पेटा) और भारतीय पशु संरक्षण संगठन के परिसंघ (एफआईएपीओ) की जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है.

'पेटा इंडिया' ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कोरोना संक्रमण और इसके कारण लागू किए गए लॉकडाउन के कारण सर्कसों के लिए पशुओं को भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है और यह पशु भुखमरी के विभिन्न चरणों में हैं.

याचिका में केंद्र को 2018 के पशु प्रदर्शन (पंजीकरण) संशोधन नियम तत्काल अधिसूचित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. यह अधिनियम सर्कस में पशुओं का प्रदर्शन करने और उनके प्रशिक्षण पर रोक लगाता है.

एफआईएपीओ ने पशु क्रूरता निवारण कानून की धारा 21 से धारा 27 तक की वैधता को चुनौती दी है, क्योंकि वह सर्कस में पशुओं के प्रदर्शन और इसके लिए उनके प्रशिक्षण की अनुमति देते हैं. उसने कहा कि इन पशुओं की फिटनेस के प्रमाण संबंधी आवश्यक कागजी काम अक्सर पूरे नहीं किए जाते.

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