नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में साल 2000 में अंत्योदय अन्न योजना की शुरुआत की गई थी. बीते 20 साल में लाखों लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं. कोरोना महामारी के इस अभूतपूर्व संकट काल में दिव्यांग जनों कोइस योजनाका लाभ मिलेगा.
इस योजना के तहत लाभार्थियों को 35 किलो गेहूं 2 रुपया प्रति किलो और धान तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है. राम विलास पासवान में स्पष्ट कहा है कि अंत्योदय अन्न योजना (AAY) राशन कार्ड व प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) राशन कार्ड के अंतर्गत कौन लाभार्थी होंगे इसकी जवाबदेही राज्य सरकार पर है.
राम विलास पासवान ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि कोई भी दिव्यांग इस योजना का लाभ पाने से वंचित न रह जाए. रामविलास ने कहा है 'दिव्यांगों को राशन योजना का फायदा नहीं मिल रहा है,' इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों को सरकार ने गंभीरता से लिया है.