नई दिल्ली:पैरामिलिट्री फोर्स ने आज (सोमवार) एक हजार 26 विदेशी उत्पादों के कैंटीन में बेचे जाने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया था. इसके चंद घंटे बाद ही गृह मंत्रालय ने आदेश जारी पर गैर-स्वदेशी यानी विदेशी उत्पादों की लिस्ट को होल्ड करने को कह दिया. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि नई लिस्ट जल्द जारी की जाएगी. गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि देशभर की 1700 सेंट्रल पुलिस या सीएपीएफ कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी.
मामले में केन्द्रीय पुलिस कल्याण भंडार द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि 29 मई 2020 को जारी की गई सूची में कुछ उत्पादों के वितरण को सीईओ के स्तर पर गलत तरीके से जारी किया गया है.
डब्ल्यूएआरबी सीआरपीएफ के अध्यक्ष माहेश्वरी ने कहा कि सूची को वापस ले लिया गया है और इसमें हुई चूक को लेकर कार्रवाई शुरू की जा रही है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कई उत्पाद जो सूची से हटा दिए गए थे, वे भारत में निर्मित किए गए हैं और यह आदेश वरिष्ठ अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना जारी किया गया था.
सूत्रों ने कहा कि फिलहाल संबंधित अधिकारी को हटा दिया गया है. संशोधित आदेश में उत्पादों की पूरी नई सूची दी जाएगी.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी.
आदेश में कहा गया है कि जो चीजें पूरी तरह से आयातित उत्पादों से बनाई जाती हैं, उन्हें सोमवार से केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार या सीपीएफ कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है.
आदेश में कहा गया है कि गैर स्वदेशी वस्तुओं को खारिज या सूची से बाहर पूरी तरह कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर किया गया है. सीएपीएफ कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है.
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ये कैंटीन सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स में सेवारत लगभग 10 लाख कर्मियों वाले बलों के 50 लाख परिजनों को विभिन्न सामान बेचती हैं.
कंपनियों द्वारा प्रस्तुत जानकारी के आधार सभी सूचीबद्ध उत्पादों को तीन श्रेणियों वर्गीकृत किया है. श्रेणी 1 में उत्पाद विशुद्ध रूप से भारत में निर्मित, श्रेणी 2 -रॉ सामग्री आयातित लेकिन उत्पाद भारत में निर्मित, श्रेणी 3 - विशुद्ध रूप से आयातित उत्पाद.