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टीकाकरण के लिए भारत बायोटेक और सीरम के साथ MoU साइन करेगी सरकार - इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च

केंद्र सरकार कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए वैक्सीन निर्माताओं के साथ एक समझौते पर (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी. इस संबंध में आईसीएमआर की सलाहकार डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा है उन्हें विश्वास है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सबसे सुरक्षित टीका होगा.

डॉ सुनीला गर्ग
डॉ सुनीला गर्ग

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Published : Jan 5, 2021, 6:53 AM IST

Updated : Jan 5, 2021, 2:34 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए वैक्सीन निर्माताओं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी. सरकारी सूत्रों ने सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि एमओयू पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

ईटीवी भारत से बात करती डॉ सुनीला गर्ग

इस बारे में बात करते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की सलाहकार डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सबसे सुरक्षित टीका होगा.

उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि हमें बहुत जल्द भारत बायोटेक वैक्सीन के तीसरे चरण का परिणाम मिल जाएगा.

डॉ. गर्ग ने बताया कि हमें वैक्सीन के पहले चरण और दूसरे चरण के परीक्षण के बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं मिला.

दवा नियामक द्वारा कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल से पहले इजाजत देने के बाद विपक्षी दलों सहित लोगों के सवाल उठान के बाद आईसीएमआर सलाहकार द्वारा दिया गया यह बयान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.

गर्ग ने कहा कि कोवैक्सीन एक रियल टाइम टेस्ट किया जाने वाला टीका होगा. कोवैक्सीन एक निष्क्रिय टीका है, जिसे आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा पूरी तरह से मॉनिटर किया गया है. इसलिए हमें इसके दुष्प्रभावों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

भारत के शीर्ष दवा नियामक, डीसीजीआई ने रविवार को SII के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन दोनों को इमरजेंसी यूज की इजाजत दे दी है.

डॉ. गर्ग ने कहा कि सीरम का कोविशील्ड अब तक का पहला टीका होगा, जबकि कोवैक्सीन बैकअप के रूप में काम करेगा.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन निर्माता सीधे वैक्सीन को क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर में भेजेगा, जहां से इसे राज्यों, जिलों और अन्य टीकाकरण केंद्रों पर वितरित किया जाएगा.

डॉ. गर्ग ने बताया कि वैक्सीन को इंसुलेटिड वैन के माध्यम से ले जाया जाएगा, ताकि टीके के लिए आवश्यक तापमान को बनाए रखा जा सके.

उन्होंने कहा कि भारत भर में क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर हैं, जहां से यह वैक्सीन लगभग 30,000 के करीब कोल्ड चेन पॉइंट्स में जाएगी. कोल्ड चेन से टीकाकरण केंद्र जैसे सामुदायिक केंद्र, स्कूल भवन आदि में जाएगी. सरकार ने टर्मिनल में कोल्ड चेन रूम के साथ हवाई अड्डों को पहले ही तैयार कर दिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई रणनीति के अनुसार, लगभग 30 करोड़ लोगों को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा. पहले चरण में स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, सुरक्षा बलों सहित फ्रंटलाइन कार्यकर्ता और सह-रुग्णता वाले 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को पहले टीका लगाया जाएगा.

डॉ. गर्ग ने कहा, 'अगर हम सभी तीन श्रेणियों को ध्यान में रखे, तो 30 करोड़ लोगों को टीकाकरण करने के लिए छह महीने लगेंगे. बेशक, टीका की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए, हालांकि हमारे पास सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 60 मिलियन खुराक हैं.'

वैक्सीन के मूल्य निर्धारण मुद्दे पर बात करते हुए, डॉ. गर्ग ने कहा कि सरकार के लिए यह 200 रुपये प्रति खुराक होगा और निजी अस्पतालों के लिए यह 1000 रुपये प्रति खुराक होगा.

पढ़ें -कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी बड़ी कामयाबी, इनोवेशन को मिलेगी गति : भारत बायोटेक

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निजी क्षेत्र पूरी टीकाकरण प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सार्वजनिक निजी भागीदारी बहुत आवश्यक है. उनकी विशेषज्ञता और अन्य संसाधनों के साथ, निजी क्षेत्र निश्चित रूप से इस पूरी प्रक्रिया में एक बड़ी भूमिका निभाएगी.

उन्होंने आगे कहा कि कोविन एप उनकी विशाल प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि यह अधिकारियों को टीकाकरण प्रक्रिया से संबंधित सभी विकास के बारे में सूचित रखेगा.

इस विशाल टीकाकरण प्रक्रिया में प्रमुख चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर डॉ. गर्ग ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या टीका समय पर उचित स्थानों पर पहुंचता है या नहीं.

उन्होंने आगे कहा कि यहा वैक्सीन को लेकर कुछ अफवाहें फैल रही हैं इसलिए यह जरूरी है कि इन अफवाहों को खत्म किया जाए.

Last Updated : Jan 5, 2021, 2:34 PM IST

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