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रक्षा खरीद क्षेत्र में डीपीपी को सुव्यवस्थित किया जाना जरूरी: विशेषज्ञ

मोदी सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत कई उपलब्धियां हासिल की हैं. हालांकि, रणनीतिक मामलों के जानकार का मानना है कि सरकार को प्रक्रिया को और व्यवस्थित बनाने की जरूरत है.

रक्षामंत्री सीतारमण (फाइल फोटो)

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Published : Apr 11, 2019, 12:11 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय जता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद में तेजी के लिए पहल की जाएगी. बता दें कि सरकार ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में अत्याधुनिक रायफल के विनिर्माण इकाई की स्थापना भी की है.

अमेठी में स्थापित फैक्ट्री में रूस की कंपनी कलाश्निकोव और भारत की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड एक साथ काम करेंगे. दोनों कंपनियां मिलकर 7.47 लाख कलाश्निकोव राइफल (स्वचालित AK-203) बनाएंगी.

रक्षा क्षेत्र में भाजपा सरकार के कार्यकाल पर रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान भाजपा ने मेक इन इंडिया के तहत कई उपलब्धियां हासिल की हैं.

सुबिमल ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) को और अधिक सुव्यवस्थित किए जाने की जरूरत है, जिससे रक्षा खरीद में देरी न हो. उन्होंने कहा कि भारत सरकार लंबित रक्षा खरीद में भी तेजी लाने की पहल करेगी. ऐसा उनके घोषणा पत्र से पता चलता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सुबिमल भट्टाचार्य

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आपको बता दें मेक इन इंडिया की शुरुआत निवेश को सुविधाजनक बनाने, व्यवसाय को आसान बनाने, और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए 2014 में की गई थी.

बता दें कि पिछले कुछ समय में भारत ने आकाश सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम, धनुश आर्टिलरी गन सिस्टम और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सहित कई उत्पादों का निर्माण किया गया है.

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