नई दिल्ली : संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की है. इसके तहत सरकार और कुछ उद्योग द्वारा देश को डिजिटल रूप से तेज गति से जोड़ने के लिए अगले चार वर्षों में सात लाख करोड़ के निवेश की परिकल्पना की गई है.
इस प्रोग्राम का मिशन 2022 तक गांवों में सस्ती और सार्वभौमिक स्वीकार्यता ब्रॉडबैंड प्रदान कर देशभर में मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं में सुधार करना है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का संबोधन रविशंकर प्रसाद ने नेट की स्पीड चरणों में बढ़ाकर 50 MBPS तक करने की बात कही है. मिशन का उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर केबल के 22 लाख किलोमीटर के रूट को 50 लाख किलोमीटर करना है.
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उन्होने कहा, 'हमारे देश में 5.65 लाख टावर हैं, जिनकी संख्य़ा बढ़ाकर 10 लाख करने की बात कही गई है.'
उन्होंने कहा, '30 प्रतिशत टॉवर ऑप्टिकल को फाइबराइज कर दिया गया है. हमारा उद्देश्य इसे 70 प्रतिशत पहुंचाना है.'
उन्होंने राज्यों से ऑप्टिकल फाइबर रेडिनेस इंडेक्स जानने का आग्रह किया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए.' साथ ही उन्होंने गुणवत्ता से समझौता न करने की बात कही है.
प्रसाद ने यह उम्मीद भी जाहिर की कि सॉफ्टवेयर सेवाओं की तरह ही भारत भी सॉफ्टवेयर उत्पादन में अग्रणी बनेगा, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन राष्ट्र में डिजिटल उद्यमिता को प्रोत्साहित करके इसमें मदद करेगा. उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का लोगो और एक बुकलेट भी जारी किया.
उन्होंने राज्यों से इस मिशन में पूरा सहयोग देने को कहा, जिससे प्रौद्योगिकी के लाभ को लोगों तक पहुंचाया जा सके. इस मिशन के तहत संबद्ध पक्ष आगामी वर्षों में 100 अरब डॉलर या सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. इसमें 70,000 करोड़ रुपये यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से उपलब्ध कराया जाएगा.