दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

असम विधानसभा में विपक्ष का प्रदर्शन, राज्यपाल ने बीच में ही भाषण रोका

असम विधानसभा में राज्यपाल जगदीश मुखी के भाषण के दौरान विपक्षी पार्टियों ने राज्य की भाजपा नीति सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जिसकी वजह से राज्यपाल को बीच में ही भाषण समाप्त करना पड़ा. जानें विस्तार से..

etvbharat
जगदीश मुखी

By

Published : Jan 13, 2020, 11:58 PM IST

गुवाहाटी : असम विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल जगदीश मुखी के भाषण के दौरान विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने राज्य की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जिसकी वजह से राज्यपाल को बीच में ही भाषण समाप्त करना पड़ा.

एक दिन के विशेष सत्र को राज्यपाल ने जैसे ही संबोधित करना शुरू किया, विपक्षी सदस्य खड़े हो गए और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और पिछले महीने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में पांच लोगों की मौत के विरोध में प्रदर्शन करने लगे.

कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सदस्यों ने हाथों में पोस्टर और तख्तियां ली थी और वे आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे.

हंगामे की वजह से राज्यपाल की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी जिसके चलते कुछ मिनटों में ही उन्होंने अपना भाषण खत्म कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष हितेन गोस्वामी ने मुखी के भाषण को पढ़ा हुआ मान लेने की घोषणा की.

बाद में मीडिया को उपलब्ध कराई गई भाषण की प्रति के मुताबिक राज्यपाल ने कहा कि असम के मूल लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखना और उनकी पहचान एवं विरासत को संरक्षण देना सरकार की पहली प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि सतरस (15वीं शताब्दी में स्थापित वैष्णव मठ) सहित सभी धार्मिक स्थलों से अवैध कब्जा हटाने के लिए असम भूमि एवं राजस्व नियमन कानून-1886 में संशोधन किया गया है.

असम में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन देश के अन्य हिस्सों से अलग : जानु बरुआ

मुखी ने कहा कि केंद्र सरकार ने असम समझौते की धारा-छह को लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. यह धारा असमी लोगों की सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषायी पहचान एवं विरासत की रक्षा के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक प्रावधान करने के अधिकार देती है.

इसके साथ ही राज्यपाल ने असम सरकार की ओर से विकास के लिए किए गए कार्यों एवं योजनाओं का भी उल्लेख किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details