चंडीगढ़ :हरियाणा की राजनीति में उलटफेर करने में माहिर पूर्व गृह मंत्री एवं सिरसा के विधायक गोपाल गोयल कांडा अब नए सिरे से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करेंगे. एयर होस्टेस गीतिका शर्मा और उसकी मां अनुराधा शर्मा के सुसाइड मामले में पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के बाद जहां पुलिस की बेहद किरकिरी हुई है, वहीं गोपाल कांडा को बड़ी राहत मिली है.
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन पर एक साल पहले ही रोक लगा दी थी. इसके बाद अब जब पुलिस साक्ष्य पेश नहीं कर सकी तो उसे क्लोजर रिपोर्ट पेश करनी पड़ी, जिसके आधार पर गोपाल कांडा बेदाग होकर सामने आए हैं.
कांडा ने कहा कई सालों तक रहा मानसिक तनाव
अपनी खुद की हरियाणा लोकहित पार्टी बनाकर सिरसा से पिछला विधानसभा चुनाव जीतने गोपाल कांडा ने अब संतोष जाहिर किया है. गोपाल कांडा का कहना है कि वह पिछले सात-आठ साल से बेहद मानसिक तनाव में थे. उनके खिलाफ खूब राजनीतिक साजिशें रची गई. उनकी बात को ना तो किसी ने सुना और ना ही किसी ने यकीन किया, जबकि हकीकत यह है कि पुलिस 2013 में अपनी रिपोर्ट में पहले ही कह चुकी थी कि गोपाल कांडा के खिलाफ किसी तरह का ठोस सुबूत नहीं है.
उनके खिलाफ सिर्फ मीडिया ट्रायल के आधार पर कार्रवाई हुई है, जो न्याय संगत नहीं कही जा सकती. अब कोर्ट में पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पेश किए जाने से साबित हो गया कि उसके पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिसके आधार पर उन्हें कई सालों तक बदनाम किया जाता रहा है.
विधायक गोपाल कांडा ने अब सवाल किया कि इतने सालों में उनकी जो मानहानि हुई है, उसकी भरपाई कौन करेगा और कैसे होगी. साथ ही कांडा ने कहा कि मेरे खिलाफ हरियाणा या दिल्ली समेत देश की किसी कोर्ट में किसी के भी द्वारा छेड़छाड़ तक की रिपोर्ट दर्ज नहीं है, लेकिन मुझे राजनीतिक साजिश में फंसाया गया. इसके पीछे कौन लोग रहे होंगे? इस सवाल के जवाब में कांडा ने कहा कि अभी ये समय इस बात का खुलासा करने का नहीं है. समय आने पर सब कुछ उजागर करूंगा.
हुड्डा सरकार बनवाने में रहा था अहम योगदान
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा केस क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश करने तथा दिल्ली की रोहिणी कोर्ट द्वारा इस केस को खारिज कर दिए जाने के बाद स्थिति खुद ब खुद साफ हो गई है. बता दें कि, गोपाल कांडा हुड्डा सरकार में गृह मंत्री थे. निर्दलीय विधायकों को तोड़कर लाने और हुड्डा सरकार बनवाने में कांडा का अहम योगदान रहा था.
गीतिका कांड को लेकर छोड़ना पड़ था मंत्री पद
गीतिका कांड के बाद कांडा पर दबाव बना तो उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा. बाद में उन्होंने 2014 विधानसभा चुनाव से पहले अपनी अलग हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई. कांडा की सिरसा में मजबूत पकड़ है. लिहाजा वह सिरसा से अपनी ही पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत गए.
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नई पारी की तैयारियों में जुटे
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार के गठन के दौरान भी कांडा गेम चेंजर की भूमिका में थे, लेकिन उमा भारती के ट्वीट ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया था. जजपा का समर्थन लेने से पहले भाजपा कांडा के बूते निर्दलीय विधायकों के सहयोग से अपनी सरकार बनाने जा रही थी. उनकी अभी भी मुख्यमंत्री से लगातार मुलाकातें हो रही हैं. नई दिल्ली कोर्ट से राहत मिलने के बाद गोपाल कांडा की सोमवार को भी हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात हुई है और प्रदेश के राजनीतिक मसलों पर मंथन हुआ.