हैदराबाद : कोरोना वायरस विश्वभर में अपने पैर पसारता ही जा रहा है. यह महामारी थमने का नाम न लेते हुए लगातार बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में इस बीमारी से लड़ने के लिए कोविड-19 की वैक्सीन बनना बेहद अहम हो जाता है. यह विश्व स्वास्थय संगठन (डब्लयूएचओ) का कहना है.
इस समय कोरोना वायरस से बचाव के लिए आक्रामक तरीकों का अपनाया जाना जरूरी है. हमें इस वक्त संपर्क ट्रेसिंग, सामाजिक दूरी, कोरोना मामलों की पुष्टि और आइसोलेशन जैसे उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए.
महामारी से बचाव और वैक्सीन बनाने के लिए फंड देने वाले विश्व बैंक और कोएलेशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेडनेस इनोवेशन्स (सीईपीआई) ने फरवरी 2020 में एक वैश्विक परामर्श की मेजबानी की. इसमें कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया. यह टास्क फोर्स फिलहाल वैक्सीन बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है.
सीईपीआई का अनुमान है कि अगले 12 से 18 महीनों में तीन टीकों को विकसित करने के लिए कम से कम दो बिलियन यूएस डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी. इस फंड के माध्यम से सीईपीआई टीके के विकास के लिए वैश्विक तंत्र के रूप में काम कर सकता है.