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किसान आंदोलन : जूठन में 'भविष्य' तलाशता बचपन

अन्नदाता किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. दिल्ली-गाजीपुर यूपी बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा है. सभी की निगाहें किसानों और सरकार के रुख पर हैं, लेकिन इस तमाम तामझाम के बीच जूठन में रोजी-रोटी तलाशती बच्चियों की तरफ किसी का ध्यान नहीं है. देखें वीडियो...

कूड़ा बीनती इन बच्चियों पर किसी का ध्यान नहीं.
कूड़ा बीनती इन बच्चियों पर किसी का ध्यान नहीं.

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Published : Dec 5, 2020, 8:27 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :बीते 10 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन से एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में 6 से 7 साल की एक बच्ची किसानों द्वारा फेंके गए कूड़े को बीनती नजर आ रही है.

बता दें कि वीडियो गाजियाबाद में दिल्ली गाजीपुर यूपी बॉर्डर यानी कि यूपी गेट का है. जहां बीते 10 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. सुबह से लेकर रात तक तमाम किसान लंगर में खाना खाते हैं. वहीं इस लंगर के दौरान प्लास्टिक के गिलास आदि का भी प्रयोग होता है.

यहां रोजाना देखा जा रहा है कि लंगर के आस-पास 6 से 7 साल उम्र की छोटी बच्चियां धरना स्थल से प्लास्टिक के गिलास आदि उठाती हैं. भले ही ये हमारे लिए जूठे गिलास कूड़ा समान हों, लेकिन कूड़ा बीनती इन बच्चियों के लिए ये दो वक्त की रोटी का साधन है.

किसानों का भी ध्यान नहीं जा रहा इनपर

जहां इन बच्चियों की पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र है ये अपने और परिवार का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी का बोझ उठा रही हैं. किसानों के मुद्दे पर समर्थन और विरोध की राजनीति हो रही है, लेकिन जिंदगी की तलाश में कूड़े के ढेर में जो बचपन खो रहा है उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है.

पढ़ें-बेनतीजा रही किसानों के साथ बैठक, सरकार ने ठोस प्रस्ताव के लिए मांगा समय

किसान भी नहीं दे रहे ध्यान

किसानों के प्रदर्शन का शनिवार को 10वां दिन था. शनिवार को सरकार के साथ किसानों की पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही. ऐसे में किसानों का आंदोलन लंबा खिंचने के आसार हैं. अन्नदाता किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि वे लोग 6 महीने का राशन साथ लेकर आए हैं और हर दिन 10 हजार से ज्यादा लोगों को खाना खिला सकते हैं, लेकिन वीडियो में दिख रही बच्चियों की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा.

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