नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि मत्स्य पालन (फिशरीज) सेक्टर में कई सारे अवसर हैं. उन्होंने बताया कि फिशरीज का एनुअल प्रोडक्शन 13 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है.
बकौल गिरिराज, मंत्रालय अब एनुअल प्रोडक्शन को आने वाले 5 साल में 20 मिलियन मीट्रिक टन पहुंचाने की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने कहा है कि इस टारगेट को हम लोग जरूर प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने कहा कि मछलियों को बीमारी से बचाने के लिए नीति बनेगी, एक नीति और बनेगी जिसमे बाहरी लोगों को समुद्र के किनारे से 200 नॉटिकल माइल्स के अंदर फिशिंग नहीं करने दिया जाएगा.
गिरिराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में मवेशी और मत्स्य पालन के लिए दिए जा रहे कम समय के आर्थिक लाभ योजनाओं को विस्तारित किया गया है उन्होंने कहा कि अब तक 8400 मत्स्य पालकों (Fish Farmers) को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है, देश में 2 करोड़ मत्स्य पालक हैं, उसकी तुलना में किसान क्रेडिट कार्ड काफी कम मत्स्य पालकों को मिला है.
विश्व मत्स्य पालन दिवस पर कार्यक्रम में गिरिराज सिंह बकौल गिरिराज, हम लोगों की कोशिश जारी है कि ज्यादा से ज्यादा मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड मिले. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2018-19 के अपने बजट में घोषणा कि है कि किसान क्रेडिट कार्ड की फैसिलिटी ज्यादा से ज्यादा पशुपालन करने वाले किसान और फिशरमैन को दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालकों की आमदनी बढ़े इसके लिए हम लोग की कोशिशें जारी हैं.
उन्होंने कहा कि किसान और मछुआरे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए विभिन्न माध्यमों और तरीकों का प्रयास कर रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने उन सभी पर अपना विश्वास रखा और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी के लिए अलग मंत्रालय बनाया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके लाभ के लिए सभी संभव सहायता की जा रही है और अनुकूल नीतियां बनाई जा रही हैं
गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं और हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पिछले 70 वर्षों में जो काम नहीं हुआ वह सभी किसानों, मछुआरों की मदद से 10 वर्षो में पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को दो भागों में विभाजित किया गया है, एक भाग समुद्री मत्स्य है जो भारत की लंबी तट रेखा को छूता है, दूसरा इनलैंड फिशरीज है जो नदियों, नहरों तालाबों, छोटे जल निकायों में किया जाता है.
वहीं कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गयी कि मंत्रालय ने नेशनल मरीन फिशरीज (रेगुलेशन एवं मैनेजमेंट) बिल 2019 को ड्राफ्ट कर लिया है, मछलियों में बीमारी को नियंत्रित करने के लिए भी एक मसौदा तैयार कर लिया गया है, इनको चर्चा के लिए पार्लियामेंट के शीतकालीन सत्र या अगले सत्र में लाया जाएगा. कार्यक्रम में राज्यमंत्री संजीव बालियान और प्रताप सारंगी भी मौजूद थे, सचिव रजनी सिब्बल भी कार्यक्रम में मौजूद थी.