नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मात्स्यिकी सांख्यिकी- 2018 पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया है. पुस्तिका में मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं हेतु उपयोगी सांख्यिकी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है.
मात्स्यिकी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित इस पुस्तिका में वर्षवार विवरण दिए गए हैं. इस संस्करण में वर्ष 1990-91 से 2017-18 तक के आंकड़े हैं. इसमें संकलित किए गए विषयों पर एक नजर :
- वर्षवार मछली उत्पादन
- मात्स्यिकी निर्यात की प्रवृत्ति
- मात्स्यिकी संसाधन
- मत्स्यन क्राफ्ट
- विभिन्न राज्य- संघ राज्य क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति मछली खपत
- मात्स्यिकी क्षेत्र में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए)
- देश के कुल जीवीए में इसका योगदान
- मात्स्यिकी संस्थान
- मछुआरा जनसंख्या
- मात्स्यिकी क्षेत्र के धारणीय और दायित्व
- पूर्ण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन
मात्स्यिकी क्षेत्र 1.60 करोड़ लोगों की जीविका का प्रमुख स्रोत है, इसके साथ ही डाउन और ऊपरी जगह पर यह संख्या दुगनी है, मात्स्यिकी के विकास से पोषणीय सुरक्षा, भारत में खाद्य सुरक्षा और ऐसे क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान किया जाता है जहां पर सर्वाधिक ग्रामीण आबादी रहती है
वर्ष 2017-18 में कुल मछली उत्पादन 12.59 मिलियन मीट्रिक टन दर्ज किया गया था, इसमें 8.90 मिलियन मीट्रिक टन अंतर्देशीय क्षेत्र और 3.69 मिलियन मीट्रिक टन समुन्द्री क्षेत्र का अंशदान था.
वर्ष 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन की औसत वृद्धि दर 10.14% थी, जिसमे 14.05 % वृद्धि अंतर्देशीय जलकृषि में रही और शेष 1.73 % वृद्धि समुन्द्री क्षेत्र में रही, भारत वर्तमान में विश्व में दूसरे नंबर का बड़ा मछली उत्पादक देश है.
यह जल कृषि उत्पादन और अंतर्देशीय कैप्चर मात्स्यिकी में भी दूसरे स्थान पर है.