नई दिल्ली: जर्मन चांसलर, एंजेला मर्केल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंची, जहां उनको गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया. उन्हें राष्ट्रपतिभवन में पीएम मोदी ने खुद रिसीव किया. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया.
इस दौरान, एंजेला मर्केल ने अपने बयान में कहा कि जर्मनी में 20,000 भारतीय नागरिक अध्ययन कर रहे हैं. हम चाहते कि आगे भी भारतीय नागरिक जर्मनी में अध्ययन करें. जब व्यावसायिक प्रशिक्षण की बात आती है, इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि हम शिक्षकों का भी आदान-प्रदान करना चाहते हैं.
मर्केल ने कहा हम विकास और जलवायु संरक्षण पर बहुत बारीकी से काम करने का इरादा रखते हैं.
वहीं, पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि भारत और जर्मनी उन्नत तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कौशल, शिक्षा, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर देंगे.
पीएम ने कहा हमारे संबंध लोकतंत्र और कानून के शासन पर आधारित हैं, यही कारण है कि हम दुनिया के प्रमुख मुद्दों पर हमारे विचार समान हैं. हम आतंकवाद से लड़ने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम जर्मनी के आभारी हैं. दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में सुधार के लिए प्रयास और सहयोग जारी रखेंगे.
इससे पहले मर्केल ने राजघाट पहुंच कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं यहां भारत में आकर खुश हूं. जर्मनी-भारत बहुत करीबी संबंधों से जुड़े हैं. इस विशाल देश और इसकी विविधता के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है.
बता दें कि वह गुरुवार को 12 मंत्रालयों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दो दिवसीय भारत दौरा पर आई हैं. इससे पहले जर्मन दूत वाल्टर जे लिंडनर ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच बहुत पुराना रिश्ता है और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की भारी संभावना है.