हैदराबाद : क्रेडिट रेटिंग एजेंसी सीआरआईएसआईएल (CRISIL) की नवीनतम रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर प्रभावों का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के चलते कॉर्पोरेट आय में 15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट हो सकती है. इसके अलावा छोटे व्यवसायों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
यह रिपोर्ट 'आत्मनिर्भर अभियान' विशेष पैकेज के अनावरण के लगभग एक महीने बाद आई है. दरअसल, आत्मनिर्भर पैकेज में आश्वासन दिया गया है कि यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को काफी बढ़ावा देगा, जो अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक हफ्ते पहले निर्देश दिया कि वह छोटे व्यवसायों के लिए धन की कमी न होने के लिए हर संभव कोशिश करें. इसके अलावा उन्होंने बैंकों को सलाह दी कि वह नियमों में जहां तक हो ढील दें.
इसके बाद बैंकों की ओर एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया था, जिसमें कहा गया कि एमएसएमई क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
सीआरआईएसआईएल के विश्लेषण के अनुसार, लघु उद्योगों के अस्तित्व के लिए खतरा बना हुआ है, जो गंभीर स्थिति को उजागर करता है. हालांकि, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआई) ने हाल ही में देश के आर्थिक पुनरुत्थान के लिए चरणबद्ध योजना की घोषणा की है. इनमें से एक निवेश के लिए सकारात्मक सुधार और नकदी प्रवाह की बढ़ती मांग की आवश्यकता है.
सीआरआईएसआईएल द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय अब तक ऐसी किसी भी मांग को पूरा करने में विफल रहे हैं, जो तत्काल सुधारात्मक उपायों पर जोर दे.
प्रसिद्ध मूडी का मानना है कि महामारी का प्रभाव शुरू होने से पहले लगभग डेढ़ वर्ष से अधिक समय से दबाव में चल रहे छोटे व्यवसायों को केंद्र सरकार के विशेष पैकेज द्वारा स्थिर नहीं किया जा सकता. हालांकि, सरकार ने घोषणा की कि यह जीडीपी को 10 प्रतिशत की वृद्धि में मदद करेगी.