नई दिल्ली: राजनीतिक पिच पर पदार्पण कर चुके पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर राजनीति की पिच पर भी अपनी छाप छोड़ने के लिये पूरी तरह तैयार हैं.
क्रिकेट से राजनीति में आये गंभीर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के प्रत्याशी हैं. नामांकन के बाद से ही वो विरोधी दलों के निशाने पर हैं.
आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी और कांग्रेस के दिग्गज अरविंदर सिंह लवली का सामना कर रहे गंभीर ने स्वीकार किया कि राजनीति में चुनौतियां अलग हैं लेकिन वह इनका सामना करने के लिये तैयार हैं.
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होनें कहा कि जब लोगों के पास अपने क्षेत्र को देने के लिये कुछ नहीं होता तो वह आपकी आलोचना करने लगते हैं. राजनीति में जज्बात, सही इरादा और साफ दिल चाहिये जो मेरे पास है.
गंभीर ने कहा कि ' मेरा क्रिकेट कैरियर भी चुनौतियों से भरा रहा है. मैं यहां भी राह आसान होने की उम्मीद नहीं करता. मुझे चुनौतियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की प्रेरणा मिलती है.
गंभीर ने कहा ' मैं सकारात्मक राजनीति करने आया हूं और विकास ही मेरा विजन है.
हम दिल्ली को लंदन या पेरिस नहीं बल्कि ऐसा शहर बनाना चाहते हैं जहां साफ हवा और पानी हो.' उन्होनें कहा कि झूठ बोलने से ज्यादा जरुरी है मूल मुद्दों पर काम किया जाए.
राजनीतिक के बारे में उनका कहना है कि मुझे अभी चुनावी राजनीति में उतरे पांच ही दिन हुए हैं.अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. यहां अलग चुनौतियां हैं लेकिन रोमांचक हैं.
राजनीति में आने की वजह पूछने पर उन्होंने कहा 'मैं ऐसा इंसान नहीं हूं जो सिर्फ हर मसले पर एसी कमरे में बैठकर ट्वीट करता रहे और मैदान पर जाने का साहस नहीं दिखा सके.'
उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उरी और पुलवामा के बाद साहसिक फैसले लिये तो उन्हें बधाई देनी चाहिये.
गंभीर ने कहा मेरे लिये सबसे अहम विकास है. मैं स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से बहुत प्रभावित हूं. मेरे लिए सब बराबर हैं. मैं चाहता हूं जो मौके दिल्ली और मुंबई के युवाओं को जो मौके मिल रहे हैं, वह कश्मीर के युवाओं को भी मिलें.
विकास का लाभ सभी तबकों को मिले जिनमें ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं.हम किसी को पीछे छोड़कर विकास की कल्पना नहीं कर सकते.
(भाषा -इनपुट)