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राजस्थान का गांधी सेवा सदन : यहां संजोकर रखी गई हैं 'बापू' से जुड़ी हर याद - राजसमंद के गांधी सेवा सदन

महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सबको सीख दी. बापू जाते भी जाते थे, वे वहां के लोगों पर अपनी कभी ना मिटने वाली छाप छोड़ जाते है. ईटीवी भारत आपको ऐसी ही एक जगह राजसमंद लेकर चल रहे है. जहां गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन बापू से जुड़ी हर यादों को आज भी ताजा करता है. साथ ही युवाओं को प्रेरित भी करता है.

महात्मा गांधी.

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Published : Sep 29, 2019, 11:41 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 1:05 PM IST

राजसमंद. इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत बापू के जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में आपको बता रहा है. महात्मा गांधी ने पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो वहीं वर्तमान में राजसमंद का गांधी सेवा सदन इन विचारों को आज संजोकर आने वाली पीढ़ी को बता रहा है.

राजसमंद गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. 1969 गांधी दर्शन की शुरुआत गांधी सेवा सदन में गांधी जी की जन्म शताब्दी वर्ष में की गई थी. इसका मकसद था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बारे में युवा और बाल पीढ़ी को अवगत कराना. इसकी शुरुआत आजादी के आंदोलन में मेवाड़ प्रजामंडल के माध्यम से काम करने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय देवेंद्र कुमार कर्णावत ने इसकी स्थापना की.

गांधी सेवा सदन ने संजोई बापू की यादें, देखें.

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बता दें कि गांधी दर्शन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह, चरखा आंदोलन, स्वदेशी जागरण और अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की विभिन्न घटनाक्रम की जानकारी गांधी दर्शन में दी गई है. इसी प्रकार वर्धा आश्रम की दिनचर्या और नोआखली में बापू के शांति बहाल करने के प्रयास के दिनों को भी दर्शन कराया गया है. गांधी दर्शन के तहत गांधी सेवा सदन में बापू की उन सभी बातों का उल्लेख किया गया जो उनके बाल स्वरूप से लेकर आजादी से जुड़े हुई है.

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वहीं गांधी विचारक डॉ. महेंद्र कर्णावत का कहना है कि महात्मा गांधी का जीवन एक प्रयोगशाला है. हम उन्हें केवल सत्याग्रही कह दें. यह उनके साथ अन्याय है. क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में प्रयोग किए. वे प्रयोग कोई भी संत महात्मा नहीं कर पाया. उन्होंने अहिंसा-सत्य के बल पर पूरे विश्व को नया संदेश देते हुए भारत को आजादी की राह पर लेकर चले. उन्होंने बताया कि हमारे गौरवशाली भारत देश का महात्मा गांधी पर्यायवाची है. वे कहते हैं कि जब हम विदेश यात्रा पर कहीं जाते हैं. तो हमें लोग भारत के साथ गांधी के साथ पहचानते हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 3000 विश्वविद्यालय ऐसे हैं इस विश्व में जो गांधी के दर्शन के ऊपर खोज कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के अंदर राजस्थान के राजसमंद जिले के जिला मुख्यालय पर गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन के माध्यम से बाल पीढ़ी को गांधी के अहिंसा दर्शन से परिचित कराया जा रहा है.

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वहीं इनके अलावा आचार्यकुल राजस्थान उपाध्यक्ष, श्रीमाली का कहना है कि गांधी दर्शन को महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. यहां गांधी जी के जन्म से लेकर पूरे जीवन का दर्शन है. उनकी सभी यादों को गांधी दर्शन के माध्यम से समझा और देखा जा सकता है. इसके माध्यम से बाल पीढ़ी और युवा पीढ़ी को गांधी के विचार दर्शन के माध्यम से सत्य और अहिंसा के माध्यम से शांतिपूर्ण और मजबूत देश का निर्माण हो सकें. वहीं उन्होंने बताया कि गांधी दर्शन में गांधी जी द्वारा कहे गए विभिन्न विचारों को भी सम्मिलित किया गया है.

Last Updated : Oct 2, 2019, 1:05 PM IST

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