नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड ने 2,433 करोड़ रुपये की पाइपलाइन बिछाकर पश्चिम बंगाल को भारत के गैस मानचित्र पर स्थान दे दिया है.
इस पाइपलाइन से राज्य को रसोई के लिए ऐसी गैस की सुविधा मिलेगी, जो एलपीजी और सीएनजी की तुलना में सस्ती और पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम लागत वाली है. साथ ही यह यूरिया उत्पादन के लिए ईंधन भी प्रदान कर सकती है.
बिहार के डोभी से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर तक 348 किलोमीटर की पाइपलाइन भारत के पूर्वी भागों में पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक गैस लाने की प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है.
गेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा, 'गैस आधारित अर्थव्यवस्था के लिए सरकार का लगातार प्रयास न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, बल्कि विश्वसनीय व सुविधाजनक ईंधन प्रदान करता है. सरकार ने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं और प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा उनमें से एक है.'