नई दिल्ली : फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कोरोना वायरस की महामारी से निबटने के लिए क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान करने के लिए भारत के पहल की सराहना की है. वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा से बातचीत में इमैनुएल ने जोर देकर कहा कि महामारी से निबटने के लिए व्यक्तिगत अनुशासन की सीमाओं को बंद करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सरकार को पैकेज की घोषणा करनी होगी और संकट के आर्थिक प्रभाव से निबटने में मदद करने के लिए कदम उठाने होंगे, जिसका वास्तविक रूप से बाद में ही आकलन किया जा सकता है.
सवाल - फ्रांस की मौजूदा स्थिति क्या है? यूरोप में तालाबंदी के तहत आप सबसे बड़ी चुनौतियों के रूप में क्या देखते हैं?
फ्रांस युद्ध में शामिल है. मेरे राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक सैनिटरी युद्ध है. यह एक ऐसा युद्ध है, जिसे हम जीतने जा रहे हैं. इसके लिए अनुशासन और एकजुटता की आवश्यकता है. फ्रांस की जनता इन असाधारण स्थिति में पूरा सहयोग कर रही है, यह बड़ी बात है. हम इसकी तारीफ करते हैं.
सवाल - इस महामारी से निबटने में जी-7 के प्रस्ताव कैसे प्रभावित करते हैं? क्या जी 7, जी 20 और सार्क की पहल को एक कड़ी के रूप में देख सकते हैं?
देखिए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रमुख है. यह वायरस से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण है. वायरस की कोई सीमा नहीं है. हमें प्रयासों में शामिल होना होगा और डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के तत्वावधान में समन्वित होना चाहिए. समन्वय इस संकट के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो महत्वपूर्ण होगा. इसलिए हमें सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रयास करने होंगे. मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि सभी मुद्दों, स्वास्थ्य, आर्थिक मुद्दों पर एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत कई अच्छी पहल कर रहा है. यही हम जी 20 में कर रहे हैं. 2022 में G20 के भावी अध्यक्ष के रूप में हम कर रहे हैं, वहीं भारत इसे सार्क के भीतर एक क्षेत्रीय परत के रूप में भी कर रहा है. यह बहुत समय पर है अगर भारत इन सभी पहलों को पाटने में मदद कर सकता है.