चैन्टिली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के साथ लंबी बातचीत की. वे जी-7 समिट में भाग लेने के लिए फ्रांस पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए गतिशील और बहुआयामी संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की. साथ ही कश्मीर और राफेल पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए और क्षेत्र में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए. मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आमने-सामने की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की. वार्ता के बाद एक साझा प्रेस बयान में राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर पर भारत द्वारा लिये गये हाल के फैसले से अवगत कराया और यह भी बताया कि यह भारत की संप्रभुता से जुड़ा है.
मैक्रों ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे का समाधान निकालना होगा और किसी तीसरे पक्ष को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए या हिंसा को भड़काना नहीं चाहिए.'
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति बनाए रखी जानी चाहिए और लोगों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि वार्ता द्विपक्षीय होनी चाहिए.'
उन्होंने कहा कि फ्रांस अगले महीने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले विमान की आपूर्ति कर देगा.
मैक्रों के बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती किसी स्वार्थ पर नहीं टिकी है, बल्कि यह स्वतंत्रता, समानता और भाइचारे के ठोस सिद्धांतों पर आधारित है.
मोदी ने कहा, 'दोनों देश लगातार आतंकवाद का सामना कर रहे हैं. हमारा इरादा आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को व्यापक बनाना है.'
उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी समावेशी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ खड़े हैं.