श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और कुलगाम जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान सुरक्षा बलों के साथ दो मुठभेड़ों में एक पाकिस्तानी नागरिक समेत चार आतंकवादी मारे गए. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि श्रीनगर जिले के जूनिमार इलाके में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया. मारे गए आतंकियों में वह भी शामिल था, जिसने गांदरबल के बाहरी इलाके पांडच में बीएसएफ के दो जवानों की हत्या की थी.
कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि ये तीन आतंकवादी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों हिज्बुल मुजाहिदीन और इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर से जुड़े थे.
उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों से एक AK 47 और दो पिस्तौल बरामद किए गए हैं.
आईजी विजय कुमार ने कहा कि मारे गए दो आतकंवादियों की पहचान श्रीनगर के बडठाना के निवासी शकूर फारूक लैंगू और बिजबेहरा के रहने वाले शाहिद अहमद भट के रूप में हुई है. तीसरे आतंकवादी की पहचान की जा रही है
विजय कुमार ने कहा कि श्रीनगर जिले के जूनिमार इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया.
कुमार ने कहा कि सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ से पहले आतंकवादियों को आत्मसमर्पण का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया.
उन्होंने कहा, 'तलाशी अभियान के दौरान छिपे हुए आतंकवादियों से उनके परिवारों और समुदाय के लोगों ने कई बार आत्मसमर्पण की अपील की, लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई.'
उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवाादियों में शकूर फारूक लैंगू भी शामिल हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह इस साल 20 मई को सूरा इलाके में बीएसएफ के दो जवानों की हत्या में शामिल था, जिनमें से एक जवान से छीनी गई एके राइफल भी मुठभेड़ स्थल से बरामद हुई है.
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उन्होंने कहा कि कुलगाम में मारे गए आतंकवादी की पहचान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक तय्यब उर्फ इमरान भाई उर्फ गाजी बाबा के रूप में हुई है. अभियान के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने ईटीवी भारत को बताया कि जिस घर में मुठभेड़ हुई थी, वहां पर कोई नुकसान नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद से पुलिस मारे गए आतंकवादियों के शवों को दफनाने के लिए उनके परिवारों को सौंपने से इनकार कर रही है.
आईजी ने कहा कि कोरोना के कारण समाजिक समारोह से बचने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में लोग अधिक एकत्रित हो सकते हैं. इसलिए यह रणनीति अपनाई जा रही है.