शिमला : हिमाचल के पूर्व डीजीपी, सीबीआई के पूर्व निदेशक और नगालैंड के राज्यपाल रहे अश्विनी कुमार ने शिमला में आत्महत्या कर ली. उन्होंने शिमला में अपने आवास पर फंदा लगा लिया. मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपने जीवन से तंग आकर आगे की यात्रा के लिए निकल रहे हैं. उन्होंने सुसाइड नोट में अंगदान की इच्छा भी जाहिर की. सिरमौर जिला में जन्में अश्विनी कुमार सीनियर आईपीएस अफसर थे. उनकी आत्महत्या की खबर मिलते ही शिमला के एसपी मोहित चावला टीम के साथ मौके पर पहुंचे.
अधिकारियों ने बताया कि 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार (69) बुधवार शाम छोटा शिमला के पास ब्रोकहॉर्स्ट स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके मिले.
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडु, शिमला के पुलिस अधीक्षक मोहित चावला और पुलिस के अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. फॉरेंसिक विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई है.
राज्य पुलिस प्रमुख कुंडु ने बताया, 'हमें एक सुसाइड नोट मिला है जिसपर उन्होंने लिखा है कि वह एक नई यात्रा पर जा रहे हैं. उनके परिवार के सदस्य उस वक्त घर में ही थे, जब वह कमरे में गए. उन्होंने कमरा भीतर से बंद किया और नायलोन की रस्सा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिवार को किसी गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है. हमने कमरे में रखी चीजों को जब्त कर लिया है.'
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि पिछले छह महीने में कुमार के सक्रिय जीवन में आया ठहराव, उनका अचानक यूं घर में बंद होकर रह जाना आत्महत्या का कारण जान पड़ता है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है.
उनके पड़ोसियों में से एक ने बताया कि कुमार हमेशा की तरह शाम को टहलने गए थे. घर आने के बाद वह बरसाती में गए. पड़ोसी ने बताया कि परिवार को कोई सदस्य उन्हें रात के भोजन के लिए बुलाने बरसाती में गया था, उसी ने सबसे पहले उनका शव देखा. कुमार के परिवार में पत्नी और बेटा हैं.