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जेल से रिहा हुए एसआर दारापुरी और सदफ जफर

लखनऊ हिंसा मामले में गिरफतार की गई कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर ने कहा है कि सीएम योगाी के कारण जेल में जाने और पिटने का डर खत्म हो गया है.

दारापुरी और सदफ जफर
दारापुरी और सदफ जफर

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Published : Jan 7, 2020, 12:31 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 1:57 PM IST

लखनऊ : लखनऊ हिंसा मामले में गिरफतार किए गए पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है.

नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में भड़काऊ भाषण व दंगा भड़काने के आरोप में पूर्व आईजी एसआर दारापुरी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश व 50 हजार के मुचलके पर मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे लखनऊ जिला कारागार से रिहा कर दिया गया है.

रिहा होने के बाद समाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर ने कहा है कि मुख्यमंत्री के योगी अदित्यानाथ के कारण अब जेल जाने और पिटने का डर दूर हो गया है.

सदफ जफर

उन्होंने कहा कि जब तक यह अमानवीय कानून वापस नहीं लिया जाता है, तब तक मैं जोरदार विरोध जारी रखूंगी.

उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी. हम शांतिपूर्वक नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जो संवैधानिक है.

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सदफ ने कहा कि योगी सरकार अमानवीय है. यह हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रही है.

साथ ही उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने मुझे हिरासत में बेरहमी से पीटा गया. यहां तक कि पुरुष पुलिस वालों ने भी मुझे पीटा था. पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी.

वहीं, दारापुरी ने कहा कि जब हिंसा हुई थी, तब मैं घर में नजरबंद था. इसके बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और खाना नहीं दिया गया. मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कंबल की मांग की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया.

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ मुसलमानों की नहीं है बल्कि उन सभी लोगों की है जो संविधान में विश्वास रखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस द्वारा गिरफतार किए लोगों में केवल मुसलमान नहीं है बल्कि बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम लोग शामिल हैं.

Last Updated : Jan 7, 2020, 1:57 PM IST

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