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भारत के आंतरिक मुद्दों पर चीन की दखलंदाजी कम होने की उम्मीद : पूर्व राजनयिक - भारत और रूस का रिश्ता

चीन के राष्ट्रपति भारत के अनौपचारिक दौरे पर हैं. उनके इस दौरे के कई मायने हैं. शी जिनपिंग की प्रधानमंत्री मोदी से अनौपचारिक मुलाकात पर विशेषज्ञ जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से अपने विचार साझा किए. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व राजनायिक जेके त्रिपाठी

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Published : Oct 12, 2019, 12:13 AM IST

नई दिल्लीः चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर हैं. वे पीएम मोदी के साथ अनौपचारिक बैठक करेंगे. जिनपिंग के इस दौरे को लेकर कई मुद्दों पर कयास लगाए जा रहे हैं.अनौपचारिकवार्ता के मद्देनजर दोनों देशों के संबंध को लेकरउम्मीदें भी जताई जा रही हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व राजनयिक जेके त्रिपाठी ने कहा है कि चीन को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कम करना चाहिये. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस बात का संदेश जरूर देंगे भले ही छुपा हुआ संदेश ही क्यों न हो कि जिस तरह हांगकांग चीन का आंतरिक मामला है उसी तरह कश्मीर भी भारत का आंतरिक मामला है.

पूर्व राजनायिक जेके त्रिपाठी की ईटीवी भारत से बातचीत

पूर्व राजनायिक ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ चीन का झुकाव हमेशा से रहा है और आगे भी रहेगा क्योंकि चीन और पाकिस्तान की मित्रता 70 साल पुरानी है.

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यह उम्मीद करना की उनकी मित्रता एक रात में कम हो जाएगी ज्यादा होगा. यह ठीक वैसा ही है जैसे भारत और रूस का रिश्ता, क्योंकि वह भी 70 साल पुराना है.

पूर्व राजनयिक जेके त्रिपाठी की ईटीवा भारत से बातचीत

उन्होंने आगे कहा कि चीन को कई कारणों से अभी भी पाकिस्तान की जरूरत है. इसमें से एक है कि चीन ने पाकिस्तान में कई बिलियन डालर का निवेश कर रखा है.

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