पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कोटे से पार्टी ने अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा भेजने का एलान किया है. इसके बाद पूर्व डीजीपी अभयानंद ने खुद को 'अभयानंद सुपर-30' से अलग कर लिया है. दरअसल, एडी सिंह अभयानंद सुपर-30 के स्पॉन्सर हैं. लेकिन, अब वह सीधे तौर पर राजनीति से जुड़ रहे हैं. ऐसे में आईपीएस अभयानंद ने सुपर-30 सेंटर से अपना नाता तोड़ लिया है.
'संकल्प के खिलाफ गए एडी सिंह'
अभयानंद सुपर-30 से नाता तोड़ने के बाद पूर्व डीजीपी अभयानंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सुपर-30 के लिए हमने जो प्रयास किया था, वह समाज के लिए था. इसमें किसी तरह की कोई राजनीति नहीं आएगी, यह हमारा संकल्प था. लेकिन, अब सुपर-30 का नाम राजनीति और राजनीतिज्ञ से जोड़ा जा रहा है. इस साल बिहार में राज्यसभा चुनाव होने हैं इसलिए मैंने सोचा कि अभयानंद सुपर-30 अब राजनीति के दायरे में आने लगा है. ऐसे में नाता तोड़ना ही भला है.
'हम उन्हें व्यावसायी के रूप में जानते थे'
आपको पता था कि एडी सिंह राजनीतिक परिवार से आते हैं. इसके बावजूद भी उन्हें सुपर-30 का कर्ताधर्ता बनाया गया. इस सवाल के जवाब में पूर्व डीजीपी अभयानंद ने कहा कि एडी सिंह जब हमारे पास आए थे तो अपनी पहचान सिर्फ एक व्यवसायी के रूप में दी थी. उन्होंने राजनीति से जुड़ा कोई परिचय नहीं दिया था. बाद में हमें पता चला कि उनका परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है.