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जयललिता का आवास 'वेद निलयम' बना मेमोरियल, स्मारक के रूप में हुआ उद्घाटन - former cm jayalalithaa

5 दिसंबर 2016 को जयललिता की मृत्यु के बाद पलानीस्वामी ने कई बाधाओं का सामना किया था. उन्होंने 17 अगस्त 2017 को घोषणा की कि उनके घर को एक स्मारक में बदल दिया जाएगा. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली AIADMK सरकार अपने उत्तराधिकारियों की उनकी योजना पर कड़ी आपत्ति को नजरअंदाज किया.

Veda nilayam Jayalalithaa memorial
मेमोरियल बना जयललिता का आवास

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Published : Jan 29, 2021, 12:44 PM IST

चेन्नई :तमिलनाडु की पूर्व सीएम और एआईडीएमके चीफ जे जयललिता का पोएस गार्डन में बना निवास स्थान 'वेद निलयम' उतना ही रहस्यमयी है जितना ही उनका जीवन. काफी विवाद के बाद आखिरकार गुरुवार (28 जनवरी) को मुख्यमंत्री एडप्पडी के पलानीस्वामी ने जयललिता के इस घर को स्मारक घोषित किया. बता दें, हाई कोर्ट ने 27 जनवरी देर शाम इसे मंजूरी दी थी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने AIADMK के आयोजक ओ पन्नीरसेल्वम, कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में स्मारक भवन का उद्घाटन किया.

इससे पहले मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि जयललिता के घर को स्मारक बनने के बाद आयोजित किए गए समारोह को पोएस गार्डन में घर के प्रवेश द्वार पर आयोजित किया जा सकता है, लेकिन मुख्य भवन को समारोह के समय भी नहीं खोला जाना चाहिए क्योंकि याचिकाकर्ता पूर्व सीएम के उत्तराधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया और उनका मूल्यांकन अभी तक पूरा नहीं हुआ था. न्यायालय ने कहा कि वारिस के अधिकार, शीर्षक और हितों को हाशिए पर नहीं रखा जा सकता है. वहीं, उन्होंने कहा कि समारोह के बाद चाबियां रजिस्ट्रार को सौंप देनी चाहिए.

अदालत के इस आदेश के कुछ हिस्सों के खिलाफ अपील करते हुए सरकारी एडवोकेट जनरल विजय नारायण और सरकारी वकील वीजयप्रकाश नारायणन ने मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी के नेतृत्व में खंडपीठ के माध्यम से अनुरोध किया कि जयललिता के स्मारक के मुख्य भवन को खोलने के खिलाफ आदेश को खारिज कर दिया जाए. 27 जनवरी की देर शाम दायर की गई इस अपील का निपटारा करते हुए अदालत ने हालांकि, सरकार को केवल स्मारक खोलने की घोषणा करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह मामला 29 जनवरी को फिर से उठाया जा सकता है.

5 दिसंबर 2016 को जयललिता की मृत्यु के बाद पलानीस्वामी ने कई बाधाओं का सामना किया था. उन्होंने 17 अगस्त 2017 को घोषणा की कि उनके घर को एक स्मारक में बदल दिया जाएगा. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली AIADMK सरकार अपने उत्तराधिकारियों की उनकी योजना पर कड़ी आपत्ति को नजरअंदाज किया. पलानीस्वामी ने कहा कि सरकार एक कानून ला रही है, जिसमें स्मारक के उद्देश्य के लिए संपत्ति का अधिग्रहण किया जाएगा. इस बीच, एआईएडीएमके के पदाधिकारियों पुकाझेंदी और जानकीरमन ने हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया, जिसमें प्रार्थना की गई कि 'वेद निलयम' के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाए. आयकर विभाग ने अदालत में दलील दी कि जयललिता के निवास का अधिग्रहण करने का सरकार का प्रयास होना चाहिए.

दीपक और दीपा दोनों ने जयललिता के उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किए जाने की प्रार्थना करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया और अदालत को आश्वासन दिया कि वे अपनी चाची के आयकर बकाया को जल्द भर देंगे. अदालत ने उन्हें जयललिता का उत्तराधिकारी घोषित किया. मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने शहर के सिविल कोर्ट में 67.90 करोड़ का मुआवजा जमा किया और 'वेद निलयम' के राष्ट्रीयकरण की घोषणा की गई.

पढ़ें:चेन्नई में पूर्व सीएम जयललिता के स्मारक का हुआ उद्घाटन

24,000 वर्ग फीट में फैली, भव्य और स्वछंद तीन मंजिला इमारत अब जयललिता और उनके यादगार लम्हों की यादों का घर है, जिसमें 8,376 किताबें और 39,000 स्मृति चिन्ह शामिल हैं. स्मारक में 14 किस्मों के सोने के गहने हैं, जिनका वजन 4.372 किलोग्राम और 867 चांदी के लेख और बर्तनों का वजन 601.424 किलोग्राम है.

यह घर सिनेमा और राजनीति दोनों में जयललिता के करियर के लिए एक स्थायी साक्ष्य है, जो उनकी यादगार घटनाओं और लोगों को काली-सफेद तस्वीरों और विभिन्न लेखों के माध्यम से उनके व्यक्तित्व पर मुहर लगाने के लिए प्रकाश डालती है.

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