चेन्नई :तमिलनाडु की पूर्व सीएम और एआईडीएमके चीफ जे जयललिता का पोएस गार्डन में बना निवास स्थान 'वेद निलयम' उतना ही रहस्यमयी है जितना ही उनका जीवन. काफी विवाद के बाद आखिरकार गुरुवार (28 जनवरी) को मुख्यमंत्री एडप्पडी के पलानीस्वामी ने जयललिता के इस घर को स्मारक घोषित किया. बता दें, हाई कोर्ट ने 27 जनवरी देर शाम इसे मंजूरी दी थी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने AIADMK के आयोजक ओ पन्नीरसेल्वम, कैबिनेट सहयोगियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में स्मारक भवन का उद्घाटन किया.
इससे पहले मद्रास हाइकोर्ट ने कहा कि जयललिता के घर को स्मारक बनने के बाद आयोजित किए गए समारोह को पोएस गार्डन में घर के प्रवेश द्वार पर आयोजित किया जा सकता है, लेकिन मुख्य भवन को समारोह के समय भी नहीं खोला जाना चाहिए क्योंकि याचिकाकर्ता पूर्व सीएम के उत्तराधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया और उनका मूल्यांकन अभी तक पूरा नहीं हुआ था. न्यायालय ने कहा कि वारिस के अधिकार, शीर्षक और हितों को हाशिए पर नहीं रखा जा सकता है. वहीं, उन्होंने कहा कि समारोह के बाद चाबियां रजिस्ट्रार को सौंप देनी चाहिए.
अदालत के इस आदेश के कुछ हिस्सों के खिलाफ अपील करते हुए सरकारी एडवोकेट जनरल विजय नारायण और सरकारी वकील वीजयप्रकाश नारायणन ने मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी के नेतृत्व में खंडपीठ के माध्यम से अनुरोध किया कि जयललिता के स्मारक के मुख्य भवन को खोलने के खिलाफ आदेश को खारिज कर दिया जाए. 27 जनवरी की देर शाम दायर की गई इस अपील का निपटारा करते हुए अदालत ने हालांकि, सरकार को केवल स्मारक खोलने की घोषणा करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह मामला 29 जनवरी को फिर से उठाया जा सकता है.
5 दिसंबर 2016 को जयललिता की मृत्यु के बाद पलानीस्वामी ने कई बाधाओं का सामना किया था. उन्होंने 17 अगस्त 2017 को घोषणा की कि उनके घर को एक स्मारक में बदल दिया जाएगा. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली AIADMK सरकार अपने उत्तराधिकारियों की उनकी योजना पर कड़ी आपत्ति को नजरअंदाज किया. पलानीस्वामी ने कहा कि सरकार एक कानून ला रही है, जिसमें स्मारक के उद्देश्य के लिए संपत्ति का अधिग्रहण किया जाएगा. इस बीच, एआईएडीएमके के पदाधिकारियों पुकाझेंदी और जानकीरमन ने हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया, जिसमें प्रार्थना की गई कि 'वेद निलयम' के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाए. आयकर विभाग ने अदालत में दलील दी कि जयललिता के निवास का अधिग्रहण करने का सरकार का प्रयास होना चाहिए.