जयपुर : राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव सलाउद्दीन अहमद को लगता है कि सोशल मीडिया और टीवी चैनल समाज में दरार पैदा कर रहे हैं. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अहमद ने हाल ही में 91 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के साथ मिलकर सुदर्शन न्यूज चैनल के यूपीएससी जिहाद प्रोमो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
उन्होंने कहा, 'हमने संबंधित अधिकारियों को एक पत्र लिखा था, क्योंकि हम 91 लोग हिंदू या मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते. हम भारतीय सिविल सर्वेंट थे, जो चाहते थे कि यूपीएससी जैसे शीर्ष संस्थान का अपमान नहीं होना चाहिए. टीवी चैनलों की तो इसे लेकर ज्यादा जिम्मेदारी बनती है, क्योंकि उनके प्रसारण को कई घरों में देखा जाता है.'
राजस्थान के पहले मुस्लिम मुख्य सचिव रहे अहमद इस बात को खारिज करते हैं कि भारत में हिंदुत्व अपना कब्जा जमा रहा है, लेकिन वह कहते हैं कि टीवी चैनल और सोशल मीडिया ऐसे दावे कर रहे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए अच्छा नहीं है.
उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया पर जहर उगलने वाले बहुत लोग हैं और उनके फॉलोअर्स भी बहुत हैं. लेकिन एक शिक्षित समाज के रूप में, हमें खड़े होना चाहिए और ऐसे पोस्ट और टीवी चैनलों से बचना चाहिए.'
सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व मुख्य सचिव अहमद शहर की भागदौड़ से दूर जयपुर में ही आलीशान विला में अपना जीवन बिता रहे हैं. यहां बड़ी तादाद में पेड़ लगे हैं. शहरी जीवन से दूर रहने के बावजूद वह भारतीय जनता पर सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है. उन्होंने कहा कि कुछ टीवी चैनल भी समाज में जहर फैला रहे हैं.
एक इंटरव्यू में अहमद कहते हैं, 'कुछ भारतीय चैनल भी समाज में एक दरार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. अलग-अलग कैडरों के हमारे कई दोस्त इस मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए साथ आए हैं.'