गुवाहाटी : भारतीय संसद ने 2013 में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम पारित किया था. इसके बावजूद राज्य में अभी भी लोकायुक्त नहीं है. असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने इस विषय पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
असम के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान एक लोकायुक्त नियुक्त किया गया था.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की ईटीवी भारत से खास बातचीत 'नियुक्ति को लेकर कुछ भी कार्य नहीं'
तरुण गोगोई ने कहा कि 'शुरुआत में लोगों में लोकायुक्त को लेकर जागरूकता की कमी थी. उन्होंने राज्य में भारतीय जनता पार्टी नीत सर्बानंद सोनोवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'जब से असम में बीजेपी की सरकार आई है, लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कुछ भी कार्य नहीं किया गया.'
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'लोगों में कोई जागरूकता की कमी'
बता दें कि वर्तमान में असम में लोकायुक्त नहीं है. हालांकि एक उप-लोकायुक्त नियुक्त किया गया है, लेकिन लोगों में कोई जागरूकता नहीं है और इन सभी वर्षों में असम में लोकायुक्त के कार्यालय में किसी के खिलाफ शायद ही कोई मामला दर्ज किया गया है.
'भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात की'
उन्होंने कहा कि 'असम में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. लोकायुक्त के होने से एक आम आदमी सशक्त बनता है. वह किसी भी भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है, लेकिन बीजेपी की सर्बानंद सोनोवाल सरकार ने लोकायुक्त के तंत्र को मजबूत करने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया.'
बातचीत के दौरान असम में लोकायुक्त के बारे में लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश करने के लिए तरुण गोगोई ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.