चंडीगढ़ : भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा है कि बालाकोट हवाई हमला पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में किसी भी आतंकवादी हमले की 'कीमत चुकानी पड़ेगी' और प्रभावी तरीके से यह संदेश पड़ोसी देश को समझा दिया गया है.
पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से यहां आयोजित सैन्य साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन 'अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट' पर चर्चा के दौरान पूर्व वायु सेना अध्यक्ष बोल रहे थे.
धनोआ ने कहा, 'बालाकोट का संदेश पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में आतंकवादी हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी, जो प्रभावी रूप से बता दिया गया है.
उन्होंने हालांकि कहा, 'हमारी तरफ से... कुछ 'मूर्खतापूर्ण गलतियां' हुई हैं, जिसके लिए उपाय किये गए हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा.'
धनोआ ने हालांकि इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि ये 'मूर्खतापूर्ण गलतियां' क्या थीं,
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'हमने आतंकवादी हमलों का जवाब दिया'
उन्होंने यह भी कहा, 'हम 27 फरवरी (जब पाकिस्तान वायु सेना ने बालाकोट हमले के एक दिन बाद जवाबी कार्रवाई की) को पीएएफ (पाकिस्तान वायु सेना) के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं कर सके.'
धनोआ ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार ने जिस प्रकार बड़े पैमाने पर हताहत होने वाले आतंकवादी हमलों का जवाब दिया है वह अपने आप में एक मिसाल है. उन्होंने इशारा किया कि मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों एवं 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मद्देनजर भारत की तरफ से कोई सैन्य कार्रवाई नहीं हुई.
वायुसेना प्रमुख के पद से बीते 30 सितंबर को अवकाश ग्रहण करने वाले धनोआ ने कहा, 'उरी में 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना ने पहली बार जवाब दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांच पैड को ध्वस्त किया.'