श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में मौजूद 25 विदेशी राजनयिकों के दल ने चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन से आज मुलाकात की. इस दौरानउन्हें राज्य में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई.
प्रतिनिधिमंडल की जनरल केजेएस ढिल्लन से मुलाकात इसके बाद राजनयिकों के दल ने जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल से मुलाकात की. गीता मित्तल के अलावा इस दल ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जी.सी. मुर्मू से भी मुलाकात की.
विदेशी राजनयिक सुरक्षा स्थिति की जानकारी लेते हुए बता दें कि विदेशी राजनयिकों का दूसरा दल बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा था. राजनयिकों ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अनुच्छेद 370 के रद होने के बाद यहां की स्थिति सामान्य हुई है या नहीं, वे इसे देखने आए हैं. उन्होंने कहा कि यहां सड़कों पर चहल-पहल इस बात की तरफ इशारा दे रही है कि धीरे-धीरे यहां की स्थिति बेहतर हो जाएगी. पूरी टीम ने डल झील में नौका विहार का आनंद उठाया था.
वहीं, अफगानिस्तान के राजनयिक ताहिर कादरी ने कहा कि कश्मीर आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें यहां पर कुछ ही घंटे हुए हैं. इस दौरान हमने दुकानों को खुला देखा, बच्चों को स्कूल जाते देखा. इसके अलवा हमने यहां के लोगों से मुलाकात की. वह सभी घाटी में शांति चाहते हैं.'
राजनयिकों के इस समूह में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रिया, बल्गारिया, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, डोमिनिकन गणराज्य, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, गिनी गणराज्य, हंगरी, इटली, केन्या, किर्गिस्तान, मेक्सिको, नामीबिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पोलैंड, रवांडा, स्लोवाकिया, ताजिकिस्तान, युगांडा और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि शामिल हैं.
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इससे पहले 9 और 10 जनवरी को कश्मीर क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को देखने के लिए अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर और वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश, और पेरू के राजनयिकों सहित 15 देशों के दूत जम्मू आए थे .