श्रीनगर : कश्मीर के प्रवासी पंडितों से मिलने के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल आज जम्मू पहुंचा. जहां 15 विदेशी दूतों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और सामुदायिक नेताओं से मिला .
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित किये जाने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे.
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान राजनयिकों ने चुनिंदा राजनीतिक प्रतिनिधियों, नागरिक संस्थाओं की सदस्यों के साथ ही सेना के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की, वहीं सरकार ने उन आलोचनाओं को खारिज किया जिनमें इसे निर्देशित दौरा कहा गया था.
इन राजदूतों ने श्रीनगर में करीब सात घंटे का वक्त बिताया. बीते अक्टूबर में यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों ने श्रीनगर का दौरा किया था लेकिन राजदूतों को अब तक घाटी के दौरे की अनुमति नहीं मिली थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने कश्मीर के दौरे के लिए 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की जिसका मकसद यह था कि वे हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर अनुभव कर सकें .
उन्होंने कहा, “इसे निर्देशित दौरा कह कर आलोचना करना गलत है.'
शाम को ये राजदूत नवगठित केंद्र शासित क्षेत्र की शीतकालीन राजधानी जम्मू चले गए जहां उप राज्यपाल जी सी मुर्मू ने उनके लिये रात्रिभोज की मेजबानी की. अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले ये राजनयिक विशेष विमान से श्रीनगर के तकनीकी हवाई-अड्डे पहुंचे, जहां से उन्हें सीधे सैन्य छावनी ले जाया गया जहां अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी.
इस बार न हो हड़ताल का आह्वान किया गया है न ही दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा सड़कों पर लोगों की आवाजाही भी समान्य है जबकि बीते अक्टूबर में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान ऐसा नहीं था. अक्टूबर का दौरा एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित किया गया था.
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप भी प्रतिनिधिमंडल के साथ हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर में रणनीतिक रूप से स्थित सेना की 15वीं कोर को प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लों के नेतृत्व में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के एक दल ने जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से खड़ी की जाने वाली परेशानियों और कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति को अस्थिर करने के उनके प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई.
राजनयिकों ने घाटी की नागरिक संस्थाओं के सदस्यों से मुलाकात की और इस दौरान अमेरिकी राजदूत को रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब के मालिक संदीप चट्टू के साथ लंबी चर्चा करते हुए देखा गया.
चट्टू ने अमेरिकी राजदूत को युवाओं को मजबूत बनाने में खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए जानकारी दी और इस दौरान अपने क्लब की उपलब्धियों को भी बताया.
इन राजनयिकों ने बाद में पूर्व मंत्री अलताफ बुखारी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल समेत राजनेताओं से भी मुलाकात की. इस दौरान स्थानीय नेताओं ने उन्हें अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद के हालात और संभावित दिशा के बारे में जानकारी दी.