लंदन: वैज्ञानिकों ने उड़ने वाले सरीसृप के बारे में एक खोज की है. वैज्ञानिकों ने खोज में पाया है कि विलुप्त हो चुके टेरोडेक्टाइलस (Pterodactylus) डायनासोर में जन्म से उड़ान भरने की एक अद्भुत क्षमता थी.जीवाश्म रिकॉर्ड के आधार पर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि इतिहास में भी किसी भी जीव में ऐसी क्षमता नहीं थी.
वहीं, चीन में इन जीवों के जीवाश्म भ्रूण पर आधारित एक शोध में यहा बात सामने आई कि टेरोडेक्टाइलस डायनासोर के पंख कमजोर हुआ करते थे. शोध में यह भी कहा गया है कि जब उनके पंख पूर्ण रूप से विकसित होते थे तभी वे उड़ान भर पाते थे. हालांकि, ब्रिटेन में लीसेस्टर विश्वविद्यालय और लिंकन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस परिकल्पना को खारिज किया है.
उन्होंने टेरोडेक्टाइलस डायनासोर के भ्रूण की अन्य पक्षियों और मगरमच्छों के भ्रूण के आंकड़ों के साथ तुलना की. जिसमें पाया कि जब अन्य जीवों के भ्रूण विकास के प्रारंभिक चरण में थे तब टेरोडेक्टाइलस के पंख निकल आए थे. चीन और अर्जेंटीना में उच्च भ्रूणों की खोज से इस बात के प्रमाण उपलब्ध कराए गए कि टेरोडेक्टाइलस डायनासोर में जन्म से उड़ान भरने की क्षमता थी.