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ओणम पर सजा फूलों का बाजार, कई राज्यों से लाए गए हैं फूल

केरल में ओणम की धूम है. 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में सबसे अहम फूल है. हर घर के द्वार पर फूलों से कालीन लगाई जाती है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि ये फूल कहां से आते हैं. फूलों के इस बाजार के बारे में जानने कि लिए पढ़ें पूरी खबर...

फूल.

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Published : Sep 7, 2019, 6:43 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 7:27 PM IST

त्रिवेंद्रम: केरल के सबसे अधिक चर्चित पर्व ओणम की शुरूआत हो चुकी है. पूरे राज्य में ये त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह त्योहार बहुत कुछ दर्शाता है, जिसमें राज्य के रंग, इतिहास और केरल के लोगों की आस्था शामिल है. इस महोत्सव में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाली चीजों में फूलों की कालीन है, जिसे पोक्कालम कहते हैं. बैक्वेट लंच और पुलिकालि (बाघ जैसे तैयार होकर लोगों का नृत्य) भी लोगों को काफी आकर्षित करता है.

ओणम पर सजा फूलों का बाजार.

10 दिनों के इस महोत्सव का सबसे जरूरी भाग फूलों की कालीन बनाना है. लोग फूलों की कालीन बना कर उन्हे अपने घरों के मुख्य द्वार पर लगाते हैं. पुराने जमाने में लोग आस-पड़ोस से फूल इकट्ठा करते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. अब इस त्योहार के शुरू होने से पहले ही तमिलनाडु से फूल आते हैं और लोगों को इन पर ही निर्भर रहना पड़ता है.

तमिलनाडु के थोवाला, पोल्लाचि और सुंदरा पांडयापुरम में फूलों का बड़ा बाजार है. वहीं, त्रिवेंद्रम में रहने वाले लोग शहर के कांजिरामकुलम बाजार से ही फूल खरीदते हैं. ये व्यापारी अलग-अलग राज्यों से फूल लाते हैं. कोई बेंगलुरु, कोई होसुर और कोई थोवाला से फूल लाता है. व्यापारी ज्यादातर थोवाला से फूल लेने जाते हैं.

Last Updated : Sep 29, 2019, 7:27 PM IST

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