भोपालःमध्य प्रदेश में चंबल नदी के मुहाने पर बसे भिंड जिले में अब तक औसत से भी कम बारिश हुई है. बावजूद जिले की अटेर तहसील में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये पानी भारी बारिश का है, लेकिन ये सच्चाई नहीं है.
वास्तव में देखा जाए तो अटेर में पानी की पीछे चंबल नदी है, जिसका जलस्तर बढ़ता जा रहा है क्योंकि चंबल नदी में राजस्थान से पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे अटेर में बाढ़ जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं.
कोटा बैराज और गांधी सागर द्वारा पानी छोड़े जाने से अटेर में बाढ़ जैले हालात ग्रामीणों का कहना है कि राजस्थान से छोड़े जा रहे पानी से गांव में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. हालांकि, खतरा तो नहीं है. एसपी रुडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि गांव में राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुलिस की तरफ से 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है.
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कलेक्टर छोटे सिंह ने बताया कि रेस्क्यू के लिए यहां आर्मी पहुंचने वाली है. हमारे पास जो टीम है, उसकी मदद से महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए काम पर लगा दिया गया है.
कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि रात 12 बजे तक ये गांव डूब जाएंगे. इसलिए सभी ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है. राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 6 लाख क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
अटेर इलाके के चंबल नदी किनारे बसे गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इन सभी गांवों का जिला मुख्यालय भिंड से पूरी तरह संपर्क टूट गया है. वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ मौके पर मौजूद हैं और हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं.
पुलिस और रेस्कूय टीम बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने और गांव खाली कराने के काम में लगी है. बताया जा रहा है कि देर रात तक चंबल नदी में और ज्यादा पानी आने की संभावना है, ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए करीब आधा सैकड़ा आर्मी जवानों को भी बुलाया गया है.