बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. जिसमें अब तक कुल 23 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और राज्य में 70 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल से निकलकर उत्तरी जिलों से होकर बहने वाली नदियों के किनारे के क्षेत्रों का एक और सर्वेक्षण किया. दरभंगा में बाढ़ संबंधी हादसों में दो और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई है. दरभंगा जिला इस मौसम में बाढ़-बारिश से सर्वाधिक प्रभावित है और जिले के 19 लाख लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दरभंगा में अब तक बाढ़ के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में छह, पश्चिमी चंपारण में चार, सारन और सीवान में दो-दो लोगों की जान गई है.
कल से अब तक बाढ़ से प्रभावित लोगों में दो लाख लोगों की बढ़ोत्तरी हुई है और अब राज्य में कुल 71.16 लाख लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं. बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1420 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है जहां अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को भोजन मिला है.
अब तक विभाग ने 16 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है.
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिपरा-पिपरासी तटबंध का हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले दरभंगा का दौरा किया था. उन्होंने पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा शहर में जगह-जगह बाढ़ से निपटने के उपायों का जायजा लिया.
राज्य के 16 जिलों-- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले के 120 प्रखंडों के 1152 पंचायतों की 63,60,424 आबादी बाढ़ से प्रभावित है जहां से बाहर निकाले गए 4,40,507 लोगों में से 17,916 ने 17 राहत शिविरों में शरण ले रखी है.
दरभंगा जिले में सबसे अधिक अधिक 15 प्रखंडों की 199 पंचायतों की 18,61,960 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.हवाई सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी थे.