देहरादून: उत्तरकाशी जिले में आसमान से आफत क्या बरसी, कई परिवार उजड़ गए. आसामान से बरसी आफत और पहाड़ों से लुढ़कती मौत ने न जाने कितने ही परिवारों के सपनों को लील लिया. इसके बाद भी जो बचा वो दर्द देने के सिवाए और कुछ नहीं दे रहा.
ऐसी ही एक कहानी आपदा की मार से बचे हितेश रावत की है, जो मौत को हराकर जीवन की जंग तो जीत गया, लेकिन उसने अपनों को खो दिया. दून अस्पताल में भर्ती हितेश की आंखों में आपदा के भयावह मंजर को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इसके साथ ही परिवार को खोने का गम हितेश की जिंदगी से लड़ने की उम्मीदों को चुनौती दे रहा है.
आपदा में अपने पूरे परिवार को खो चुके माखुड़ी गांव के हितेश ने अपनी आंखों के सामने ही पूरे परिवार को जमीदोंज होते देखा. कुदरत के उस खौफनाक मंजर को बयां करते नम आंखों से हितेश ने अपनी आपबीती सुनाई. ईटीवी भारत से बात करते हुए हितेश ने बताया कि सुबह 6:30 बजे जब वो सो कर उठे तो पिताजी ने बताया कि बाढ़ आने वाली है, जल्दी यहां से निकलो. इससे पहले कि परिवार के लोग संभल पाते देखते ही देखते पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया.