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कचरा प्रबंधन : मैसुरु कूड़ा मुक्त 'फाइव स्टार सिटी' में फिर शामिल

केंद्र सरकार ने कचरा प्रबंधन के लिए शहरों की रेटिंग जारी करते हुए कर्नाटक के मैसुरु, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर और मध्य प्रदेश के इंदौर सहित छह शहरों को 'कूड़ा मुक्त पांच सितारा शहर' घोषित किया है. केंद्र ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निबटने में 'स्वच्छ भारत मिशन सबसे बड़ी ताकत' है.

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Published : May 22, 2020, 11:22 AM IST

Updated : May 22, 2020, 12:33 PM IST

मैसुरु : केंद्र सरकार ने कचरा प्रबंधन के लिए शहरों की रेटिंग जारी की है, जिसमें कर्नाटक के मैसूरु शहर को ‘कूड़ा मुक्त पांच सितारा’ शहर घोषित किया गया है. इस लिस्ट में कर्नाटक के मैसुरु के अलावा छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, गुजरात के राजकोट व सूरत तथा महाराष्ट्र के नवी मुंबई को भी पांच सितारा रेटिंग प्रदान की गई है.

बता दें कि पूरे दक्षिण भारत में, केवल रॉयल सिटी मैसुरु ने भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पांच सितारा कचरा मुक्त रेटिंग प्राप्त की. लगातार दूसरी बार शहर को यह गौरव हासिल हुआ है. यह सब संभव लोगों के सामूहिक प्रयासों से संभव हुआ है.

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कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के दक्षिण में स्थित इस शाही (रॉयल सिटी) शहर को फिर से पांच सितारा कचरा मुक्त शहर का दर्जा प्राप्त हुआ. हम यह जानने की कोशिश करेंगे की आखिर कैसे इस शहर को दोबारा यह तमगा हासिल हुआ. उसने ऐसा क्या काम किया, जिसकी बदौलत उसे पांच सितारा कचरा मुक्त सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ.

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मैसुरु को सांस्कृतिक शहर, महल का शहर, स्वच्छ शहर के नाम से भी जाना जाता है.

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इस साल देश के छह शहरों को फाइव स्टार कचरा मुक्त शहर घोषित किया गया है. मैसुरु पूरे दक्षिण भारत का एकमात्र शहर है, जिसे यह प्रतिष्ठित टैग मिला है.

पिछले दो साल से इस रॉयल शहर को फाइव स्टार रेटिंग मिल रही है. बता दें कि जनवरी के महीने में रेटिंग सर्वे किया गया था.

इस सर्वेक्षण में, केंद्रीय शहरी विकास विभाग के अधिकारियों की एक टीम हफ्तों तक मैसुरु शहर में रही और 50 से अधिक वार्डों का दौरा किया. इसमें कचरा संग्रहण और निपटान प्रणाली की समीक्षा की गई. सर्वेक्षण में शहर में रहने वाले लोगों के घरों तक जाकर यह देखा गया कि कैसे कचरों को एकत्रित किया जाता है और उसका निबटान कैसे होता है.

इस दौरान सार्वजनिक शौचालयों के कामकाज का भी निरीक्षण किया गया औऱ लोगों का फीड बैक लिया. इन सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद, मैसुरु शहर को फाइव स्टार कचरा मुक्त शहर घोषित किया गया.

सफाई कर्मियों (पौरा कर्मिक) और आम जनता की भूमिका
पांच सितारा रेटिंग हासिल करने में नगर निगम के सफाई कर्मियों (स्थानीय भाषा में- पौरा कर्मिकों) की भूमिका बहुत बड़ी है. मैसूरु नगर निगम में कुल 1,648 सफाई कर्मी नियमित और अनुबंध के आधार पर सेवा कर रहे हैं. वे हर सुबह लगभग 400 टन कचरा इकट्ठा करते हैं. उनका काम सुबह 6 बजे शुरू होता है और दोपहर 2 बजे समाप्त हो जाता है. वे 365 दिन काम करते हैं.

बता दें कि कुल 141 शहरों की रेटिंग हुई, इनमें छह को पांच सितारा, 65 को तीन सितारा और 70 को एक सितारा मिला है. मैसूरु नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नागराज ने कहा, अंत में छह शहरों को 5 सितारा शहरों के रूप में घोषित किया गया.

नगर निगम के आयुक्त गुरुदत्त हेगड़े ने बताया कि शहर को कचरा मुक्त पांच सितारा शहर बनाने का श्रेय निगम के सफाई कर्मियों को जाता है. क्योंकि वे सालभर हर घर से कचरा इकट्ठा करते हैं. वे कचरे को अलग करते हैं और शहर को साफ व हरा-भरा बनाते हैं.

जनता और मशहूर हस्तियों की भूमिका
शहर को फाइव स्टार रेटिंग दिलाने में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, संगठनों, आम जनता और मशहूर हस्तियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जिन मशहूर हस्तियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनके नाम हैं, क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ, मैसुरु शाही परिवार की प्रमोदा देवी वाडियार, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार, मैसुरु शाही परिवार की शख्सियत, योग एचीवर कुशी और अन्य लोग शामिल हैं.

Last Updated : May 22, 2020, 12:33 PM IST

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