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कर्नाटक के पांच और कांग्रेस विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, स्पीकर पर गंभीर आरोप - karnataka news

कर्नाटक में राजनीतिक संकट थम नहीं रहा है. आज कांग्रेस के पांच और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बागी विधायकों का कहना है कि विधानसभा स्पीकर उनका इस्तीफा नहीं मंजूर कर रहे हैं. जानें पूरा मामला

बागी विधायकों की फाइल फोटो

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Published : Jul 13, 2019, 11:34 PM IST

नई दिल्ली: कर्नाटक से कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. सभी विधायकों ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ शनिवार को याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता पांच विधायक आनंद सिंह, के. सुधाकर, एन. नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग हैं. उन्होंने कहा है कि पहले से ही लंबित 10 अन्य बागी विधायकों की याचिका में उन्हें भी शामिल कर लिया जाए. इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.

इससे पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस के 10 विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इनमें प्रताप गौड़ा पाटिल, रमेश जारकिहोली, बायराती बसावराज, बी.सी. पाटिल, एस. टी. सोमशेखर, अरबेल शिवराम हेब्बर, महेशर कुमातल्ली, के . गोपालैया, ए.एच. विश्वनाथ और नारायण गौड़ा शामिल हैं.

सभी विधायकों ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे और उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने पर मंगलवार तक कोई निर्णय लेने से रोक दिया था.

पढ़ें : कर्नाटक संकट: बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर का फौरन फैसला करने से इनकार

शीर्ष अदालत ने कहा था कि बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उत्पन्न हो गये हैं और वह 16 जुलाई को इस विषय पर गौर करेगी. शीर्ष अदालत ने तब तक के लिए यथा स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था.

इन सभी बागी विधायकों के इस्तीफे से कर्नाटक की एच डी कुमारस्वामी सरकार संकट में फंस गयी है और उसके सामने विधानसभा में बहुमत खोने का खतरा पैदा हो गया है.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि इन विधायकों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गयी याचिका की विचारणीय होने के प्रश्न पर गौर करने के समय उसे इस प्रश्न का भी समाधान ढूढना है कि क्या अध्यक्ष इन विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने से पहले उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया पर निर्णय लेने के लिए बाध्य हैं.

इन बागी विधायकों के वकील ने कहा था कि यदि ये विधायक सदन में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें ऐसा करने से रोकने तथा ऐसा करने पर सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर ने उनके इस्तीफे पर अबतक कोई निर्णय नहीं किया है.

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