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अक्षय तृतीया पर गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए. धाम के पुरोहितों ने पीएम मोदी के नाम से साल की पहली पूजा की. बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली पूजा के लिए 1100 रुपए दक्षिणा भेजी थी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 26, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 4:26 PM IST

उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए. लॉकडाउन के कारण इस साल गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के वक्त यहां मंदिर समिति के अलावा कोई और मौजूद नहीं रहा. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अक्षय तृतीया महापर्व और गंगोत्री के कपाट खुलने के मौके पर गंगोत्री मंदिर समिति को 1100 रुपये दान दिया. इसके बाद इस साल गंगोत्री धाम ने सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी के नाम से पूजा की गई.

बता दें, आज अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. आज दोपहर 12.35 पर गंगोत्री जबकि 12.41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट पूरे विधि-विधान से खोले गए. इसी के साथ चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है.

लॉकडाउन के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 21-21 पुरोहितों और पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में खेले गए. इस साल कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालु न होने के कारण कोई भी अपनी पहली पूजा मां गंगा को नहीं दे पाया.

इसके बाद गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने पीएम मोदी के नाम से साल की पहली पूजा की. बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली पूजा के लिए 1100 रुपए दक्षिणा भेजी थी.

गंगोत्री धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई दक्षिणा की धनराशि भटवाड़ी एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी ने मंदिर समिति को दी.

इसके बाद विश्वव्यापी कोरोना महामारी से लड़ने और जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मां गंगा की पहली पूजा की गई.

आज दोपहर 12.35 पर गंगोत्री जबकि 12.41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट पूरे विधि-विधान से खोले गए. इसी के साथ चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है. इस बार कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की वजह से श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं है. इसलिए कपाट खुलते समय विगत वर्षों की तरह भीड़ देखने को नहीं मिली और सीमित लोगों की मौजूदगी में पूरे-विधि विधान से कपाट खुले.

गौर हो कि ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सादगी और सोशल डिस्टेंस के साथ खोले गए. रोहिणी नक्षत्र में पूर्वाह्न 12:35 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट खुले और अभिजीत मुहूर्त में 12:41 बजे खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट. विधि विधान एवं विशेष पूजा-अर्चना के साथ मां गंगा की भोग मूर्ति को मंदिर के अंदर विराजमान किया गया.

बता दें कि मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास पर मुखबा गांव और मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) गांव में आती है. कोरोना महामारी के चलते इस बार चार धाम यात्रा में रौनक कम देखने के मिल सकती है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 4:26 PM IST

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