नई दिल्ली: कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान जम्मू-कश्मीर पर खासतौर से रहा. इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन और केंद्रीय गृहसचिव राजीव गौबा ने कश्मीर घाटी के हालात के बारे में शाह को जानकारी दी, लेकिन शाह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से 15 मिनट तक बंद कमरे में अलग से बात की.
राज्य की स्थिति लगातार तनाव में, मगर नियंत्रण में है. राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा विभाग और जम्मू एवं कश्मीर मामलों के डिविजन ने नए गृहमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए पहले से विशेष नोट तैयार कर रखे थे. जम्मू एवं कश्मीर डिविजन आतंकवाद से मुकाबला, सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम और रक्षा व विदेश मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय बनाने जैसी जिम्मेदारियों को देखता है.
मलिक ने शाम को शाह के साथ सुरक्षा मामलों पर चर्चा की. मलिक ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'गृहमंत्री के साथ घाटी में कानून-व्यवस्था और सीमांत इलाकों में कानून-व्यवस्था के हालात पर मेरी संक्षिप्त चर्चा हुई.'
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सूत्रों ने कहा कि अमित शाह ने सचिवों और सीमा प्रबंधन से लेकर आंतरिक सुरक्षा जैसे विभिन्न डिविजन के प्रमुखों के साथ एक संयुक्त बैठक की. सोमवार से वह सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और अन्य पुलिस संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठकें करेंगे.