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आंखफोड़वा कांड में आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज, लाइसेंस रद्द करने का आदेश - indore eye hospital case

मध्य प्रदेश में इंदौर आई हॉस्पिटल में हुए आंखफोड़वा कांड की जांच रिपोर्ट आ गई है. मामले में आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश दे दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

इंदौर आई हॉस्पिटल

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Published : Aug 29, 2019, 9:54 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 5:04 PM IST

इंदौरः मोतियाबिंद के मरीजों की आंखों की रोशनी छीनने वाले अस्पताल का लाइसेंस स्थाई रुप से निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. वहीं इस मामले में आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.

बता दें कि इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के इलाज के बाद संक्रमण से 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी. इसके बाद अब तक आधे मरीजों की रोशनी आंशिक तौर पर ही लौट सकी है.

इंदौर आई हॉस्पिटल आंखफोड़वा कांड में जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई

इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने अपने हाथों ली थी, जिसकी जांच रिपोर्ट में ये पता चला है कि संक्रमण की जानकारी अस्पताल को 5 अगस्त को ही हो चुकी थी. इसके बावजूद कैंप जारी रखा गया था. जांच में यह भी पता चला है कि ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए फ्लूट और औजार के जरिए भी कई मरीजों को संक्रमण हुआ है.

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अस्पताल की लापरवाही को देखते हुए संभाग आयुक्त कार्यालय ने अस्पताल का लाइसेंस स्थाई रूप से निरस्त करने के आदेश दिए हैं और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है.

संभाग आयुक्त कार्यालय ने कहा कि अस्पताल को जिन शर्तों के आधार पर लीज पर जमीन मुहैया कराई गई थी अस्पताल प्रबंधन उन शर्तों का पालन भी नहीं कर रहा था. ऐसे में अस्पताल की लीज निरस्त कर राजस्व विभाग को जमीन लीग्रैंड वसूलने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 28, 2019, 5:04 PM IST

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