दिसपुर : असम के जाने माने फिल्मकार जानु बरुआ ने सीएए पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बरुआ असम से कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले फिल्मकार हैं.
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर बरुआ की प्रतिक्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है.
उन्होंने असम में सीएए पर हो रहे विरोध पर बयान दिया है. वीडियो में उन्हें यह कहते सुना जा सकता है कि असम में विरोध देश के अन्य हिस्सों से अलग है.
सीएए को लेकर फिल्मकार जानु बरुआ का बयान बरुआ ने अपने बयान में कहा कि असम में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. इस विरोध को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है. मैं आपको बताता हूं कि असम में हो रहा विरोध प्रदर्शन कैसे देश के अन्य इलाकों में हो रहे प्रदर्शन से अलग है.
सबसे पहली बात असम के लोग अपनी पहचान की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं. सभी की तरह हमें भी अपनी भाषा और संस्कृति से प्यार है. हमें गर्व है कि असम के लोग एकता के साथ रहते हैं.
बरुआ ने आगे कहा कि असम में कल्चर सेंट्रिक सोसाइटी है. हर जाति हर जनजाति, हर तरह के लोग यहां रहते हैं. और यही चीज असम के लोगों की अनोखी पहचान है.
लेकिन दुर्भाग्यवश इस बिल के आने से हमारी पहचान के लिए खतरा बन गया है.
80 के दशक का असम आंदोलन में साफ था कि असम सिर्फ उन्ही शरणार्थियों को स्वीकारेगा जो मार्च 1971 से पहले यहां आए थे. लेकिन यह नया कानून इसके बिल्कुल विपरीत है . इसके अनुसार असम को और 43 सालों के प्रवासियों को स्वीकार करना होगा, जो कि 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हैं.
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इसके अनुसार असम को 31 दिसंबर 2014 से पहले आए शरणार्थियों को स्वीकार करना होगा. लेकिन असम के लोग इसे नहीं मान रहे, उनका प्रदर्शन इसी बात को लेकर है. उनका मानना है कि संस्कृति, भाषा और तौर तरीकों में फर्क होने के चलते उनकी अपनी संस्कृति इससे खतरे में पड़ सकती है.
इस बात को समझाने के लिए उन्होंने असम की भाषा और जनसंख्या को लेकर एक सूची भी दिखाई.
गौरतलब है कि जब से नागरिकता संशोधन कानून पास हुआ है असम में इसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है.
आपको बता दें कि सीएए के विरोध में प्रदर्शनों के चलते कई लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा.