नई दिल्ली. वर्ष 2016-2018 के बीच करीब 50 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां गंवा दी है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरियों में 'गिरावट की शुरुआत' नोटबंदी के साथ शुरू हुई. हालांकि इन रुझानों का 'कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं किया जा सका है.'
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट सीएमआईई-सीपीडीएक्स के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि भारत के बेरोजगारों में अधिकांश युवा हैं. रिपोर्पट का शीर्षक 'स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया' है.
बयान के अनुसार, "सामान्य तौर पर, महिलाएं पुरुषों से ज्यादा प्रभावित हैं. उनमें बेरोजगारी दर ज्यादा है. इसके साथ ही श्रम बल भागीदारी दर भी कम है."
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सामान्य तौर पर बेरोजगारी 2011 के बाद धीरे-धीरे बढ़ी है. आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण और सीएमआईई-सीपीडीएक्स की रपट में बताया गया है कि 2018 में कुल बेरोजगारी दर छह प्रतिशत के आस-पास है, जो कि 2000 से 2011 के बीच के आंकड़े से दोगुना है.