नई दिल्ली :खली हिल्स स्वायत्त परिषद (केएचएडीसी) के बाद मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में 'पंजाबी लाइन' के नाम से मशहूर हरिजन कॉलोनी के 2500 से अधिक निवासियों को आवास खोने का डर है. क्योंकि हाल ही में कहा गया था कि हेमा मेलीम की सिमी (पारंपरिक सरदार) राज्य सरकार के साथ मावलांग में हरिजन कॉलोनी की भूमि के स्वामित्व को हस्तांतरित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली है.
मावलांग की हरिजन कॉलोनी में 300 सिख परिवारों का निवास है, जिन्हें 1853 में मेघालय में ब्रिटिश शासकों द्वारा लाया गया था. जो मुख्य रूप से व्यापार और साफ-सफाई का काम करते थे. सिख परिवारों के वंशज अभी भी हैं जिनकी आबादी लगभग 2500 हो गई है और सभी इसी कॉलोनी में रहते हैं. सरकार द्वारा कथित रूप से हरिजन कॉलोनी के निवासियों को बेदखल करने के लिए 'प्रयास' किए जाने के बाद 2018 में स्थानीय खासी और सिख निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. हालांकि, सिख निवासियों और एक स्थानीय बस कंडक्टर के बीच हुए विवाद के साथ शुरू यह झगड़ा काफी बढ़ गया. स्थानीय लोगों द्वारा कॉलोनी के निवासियों पर हमला करने और आस-पास कुछ दुकानों को आग लगाने के बाद स्थिति हिंसक हो गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई दिनों तक कर्फ्यू लगाने और केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए गवर्नर को मजबूर होना पड़ा. इसके बाद भी कई दिनों तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
यह है नया फरमान