दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थान : पानी को लेकर विवाद, अब किसान करेंगे पेयजल के लिए 'जंग'

अब राजस्थान के पाली में किसानों का महापड़ाव होने जा रहा है. जवाई बांध से सिंचाई और पेयजल के लिए जल बंटवारे को लेकर उपजे विवाद को लेकर बुधवार को किसान महापड़ाव और आंदोलन करेंगे. साथ ही प्रशासन द्वारा प्रस्तावित पूरा पानी देने की मांग करेंगे.

farmers rush on regarding water issue
किसानों का महापड़ाव

By

Published : Oct 21, 2020, 1:53 PM IST

पाली :राजस्थान में पाली स्थित जवाई बांध से सिंचाई और पेयजल के लिए जल बंटवारे को लेकर सात अक्टूबर को जल वितरण कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें किसानों को दिए गए चार हजार एमसीएफटी पानी में से 100 एमसीएफटी पानी बाद में दिए जाने की शर्त रखी गई थी. इस निर्णय से किसानों का रोष व्याप्त है. किसानों का कहना है कि वह कम पानी लेने के लिए तैयार नहीं हैं.

किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में आज किसान आंदोलन कर प्रशासन से 100 एमसीएफटी पानी देने की मांग करेंगे. इस महापड़ाव में अधिक से अधिक किसान पहुंचेगे, इसके लिए समिति अध्यक्ष जयेन्द्र सिंह गलथनी समेत जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों ने मंगलवार को जवाई कमांड क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया है और किसानों के साथ बैठक की है.

समिति अध्यक्ष गलथनी ने बताया कि प्रशासन ने पहले किसानों को सिंचाई के लिए चार हजार एमसीएफटी पानी देने का निर्णय लिया था, लेकिन जब पानी देने के दिनों के निर्धारण के लिए जल संशाधन विभाग और जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों की बैठक हुई तो सिंचाई के लिए किसानों को 100 एमसीएफटी पानी कम देने की बात कही गई. इस दौरान किसनों ने बैठक का विरोध भी किया था.

प्रशासन की ओर से लिए गए निर्णय पर किसानों में रोष व्याप्त है. उन्होंने बताया कि किसान 100 एमसीएफटी पानी कम नहीं लेंगे. ऐसे में किसानों ने पूर्व में निर्धारित 4,000 एमसीएफटी पानी भी लेने से इनकार कर दिया है.

पढ़ें -पीएम से राहुल का सवाल- भारतीय क्षेत्र से चीनियों को कब निकालेंगे

सांडेराव के रामदेव मंदिर में हुई किसानों की बैठक...
जवाई बांध से पानी कम देने के विवाद पर रामदेव मंदिर परिसर सांडेराव में बैठक हुई, जिसमें बुधवार को सुमेरपुर में महापड़ाव की चेतावनी पर ज्यादा से ज्यादा किसानों को एकत्रित होने का आमंत्रण दिया गया.

इस दौरान बैठक में किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष जयेंद्रसिंह गलथनी, प्रताप सिंह बिंठिया, जगतसिंह राणावत, हड़मत सिंह राठौड़, हनुमान भाटी, शंकरसिंह (काकू), राम भाई गोपाला, भूराराम मालवीय, गोपालसिंह राठौड़, शैतानसिंह राजपुरोहित, गणपतसिंह राजपुरोहित, मंसाराम घांची, नारायणलाल माली, लालाराम घांची, धनाराम घांची, भीकाराम कुमावत, चंदनसिंह, महेंद्रसिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details